Page 33 - अवध भारती
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अवध भारती 2023-24
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व धरा क भषण ह,
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करत द ू र द ू षण ह |
हम सबको भात ह,
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व ह रयाली लात ह |
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व धप म तपकर भी,
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हम छाया दत ह |
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औषिध ाणवाय और भोजन,
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यही हम दत ह |
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व धरा क भषण ह,
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करत द ू र द ू षण ह |
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व ों न िदया बिलदान,
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लिकन हमन िकया उसका कटानन |
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हर भर यह पड़ रह,
जीवन म नौ रग भर |
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पड़ों की शोभा ह ारी,
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फल खल ह ारी- ारी |
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व ों स जब हम िमला ह जीवन,
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तो ों न कर व ारोपण |
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हर भर व लगायग
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वसधा पर हरयाली लायग |
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ह रयाली म मगल ह,
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ह रयाली म जीवन ह |
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धरती मा की यही पकार,
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व लगाकर करो गार |
शा वी वमा
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प ी सनील कमार वमा
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