Page 19 - संकल्प - दसवां अंक
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दसवी ं अंक
क रल की पहािड़य म िछपा र वागामोन की या ा
क रल की पहािड़य म एक िछपा हुआ र सुबह की धुंध पहािड़य से िचपकी हुई थी, जब हम वागामोन की ओर जाने
वाली संकरी घुमावदार सड़क पर चढ़ रहा था। क रल क इड की िजले म बसा यह कम िस िहल ट शन एक गु त
रह य बना हुआ है, जो अ सर मु ार जैसे अपने अिधक िस समक से िछपा रहता है। लेिकन इसी अ प टता म
वागामोन का आकष ण िछपा है - एक ऐसी जगह जहाँ क ित अपने रह य को उन लोग को फ सफ साती है जो सुनने
क िलए तैयार ह । पहािड़य की पुकार वागामोन की पहली झलक लगभग अवा तिवक है, जैसे िक प रदृ य िकसी
सपने से उठाया गया हो। ह रयाली की समृ ट पे ी म िलपटी पहािड़याँ, एक सौ य समु की लहर की तरह उठती और
िगरती ह । चीड़ क जंगल प रदृ य को सुशोिभत करते ह , उनक लंबे, पतले तने आसमान को छ ते ह , जबिक बीच-बीच म
चाय क बागान ाक ितक क नवास पर मानवीय कला मकता का एक पश जोड़ते ह । जैसे-जैसे हम ऊपर की ओर
बढ़ता गया, हवा और भी ठ डी होती गई और चीड़ की खुशबू नम िम ी की खुशबू क साथ िमल गई। यह क रल क तटीय
े की उ णकिटबंधीय गम से एक वागत यो य बदलाव था। वागामोन का आकष ण इसकी सादगीपूण सुंदरता म
िनिहत है - एक ऐसी जगह जहाँ समय धीमा लगता है और हर पल कने और सांस लेने का िनमं ण है। घास क मैदान
और उदासी मेरा पहला पड़ाव वागामोन घास क मैदान था जो घास क मैदान का एक िव तृत िव तार था जो हमेशा क
िलए फ ला हुआ लगता था। यहाँ का प रदृ य हरे रंग का एक कलाकार का पैलेट है, जहाँ पहािड़याँ इस तरह से लहराती
ह िक लगभग स मोिहत करने वाली ह । घास क मैदान का एकांत क वल दूर से िकसी प ी की आवाज़ या घास क बीच से
हवा की सरसराहट से ही ट टता था। घास क मैदान से गुजरते हुए मुझे उदासी का एहसास हुआ - एक कड़वा-मीठा
एहसास िक इस तरह की जगह दुल भ और णभंगुर ह और यह िक हम इसे अपनी अदूिषत अव था म अनुभव करने
क िलए भा यशाली था। वागामोन क घास क मैदान क ित की शांत भ यता की याद िदलाते ह , एक ऐसी जगह जहाँ कोई
खुद को खो सकता है और एक ही बार म खुद को पा सकता है। अ ात का रोमांच वागामोन क वल शांत प रदृ य क बारे
म नह है। यह रोमांच चाहने वाल क िलए भी एक वग है ।
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