Page 26 - संगम - चेन्नई क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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सगम - ततीय स�रण /  �सतबर - 2025
                                                                        ं
                                                                                                   ं
                                                                                      ं
                                                                               ृ
                                                                                         े
                                                              ना�रयल क ब�तायत म होन क कारण भोजन एव            ं
                                                                                           े
                                                                        े
                                                                                     �
                                                                                                   े
                                                                                               े
                                                                         �
                                                                               े
                                                                                    े
                                                              िमठाइयों म इसक अनक प्रयोग दखन को िमलत           े
                                                                                               े
                                                                          ै
                                                              ह I चावल पदावार की अिधकता क लोगों का मल
                                                               �
                                                                                                            ू
                                                                                                            े
                                                                                                        ै
                                                                                              े
                                                                                          े
                                                                                                     �
                                                              भोजन  चावल  और  चावल  स  बन  पदाथ  ह  I  ग�     ं
                                                                 ं
                                                              एव अ� अनाज तलना�क �प म काफी कम
                                                                                                  �
                                                                                 ु
                                                                                   ै
                                                                      �
                                                              प्रयोग  म  लाए  जात  ह  I  मौसम  क  अनकल  होन   े
                                                                                                     ु
                                                                                               े
                                                                                 े
                                                                                                      ू
                                                                                       �
                                                                                                         ृ
                                                              क कारण दि�ण भारत म गरम मसाल प्राकितक
                                                                                                    े
                                                               े
                                                                                 ै
                                                                           ु
                                                              �प सहज सलभ ह और इसी�लए इनका भोजन म              �
                                                                                       ै
                                                                   ु
                                                                                            े
                                                              भी खलकर प्रयोग होता ह I ग� की अिधक उपज
                                                                                                            े
                                                              क कारण गड, ितल और मगफली स बनी अनक
                                                                          ु
                                                                                         ूँ
                                                               े
                                                                                                  े
                                                                       ँ
                                                              िमठाइया  सहज  उपल�  ह  I  आचार  बनान  का
                                                                                                          े
                                                                                         ै
                                                              अलग तरीका, भोजन क साथ तली �ए िमच एव             ं
                                                                                     े
                                                                                                          �
                                                                                   े
                                                                                         े
                                                                         े
                                                                                                 ै
                                                              पापड़  िवशष  �प  स  परोस  जात  ह  I  िबसीिबली
                                                                                               े
                                                                           �
                                                                                               े
                                                                                                            ै
                                                                                         े
                                                                                                      ं
                                                              भात भोजन म अव� परोस जान की परपरा ह I
                                                                                  े
                                                                 ु
                                                                                          े
                                                              समद्र क िकनार बस होन स कारण मछली और
                                                                              े
                                                                                       े
                                                                     े
                                                                                               े
                                                              अ� समद्री जीवों का भी भोजन क तौर पर प्रयोग
                                                                       ु
                                                                                        े
                                                                                                          े
                                                                                                  े
                                                                           ै
                                                                                                े
                                                                                                     े
                                                              िकया जाता ह I इन सबस िभ� कल क प� पर
                                                                                     �
                                                                                    ू
                                                                                  े
                                                                               े
                                                                       े
                                                                                                  े
                                                              स�ान स परोसन स पव प� को धोन और भोजन
                                                                                          े
                                                                     े
                                                                                              े
                                                                             ं
                                                                                         �
                                                              ग्रहण  क  उपरात  स�ान  म  प�  को  अपनी  ओर
                                                                           ं
                                                              लपटन की परपरा िनि�त तौर पर प्रशसनीय ह I
                                                                                                  ं
                                                                 े
                                                                    े
                                                                                                           ै
                                  �
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                                                                          े
                                                 े
                                                                 ं
                                                                                 ै
           प�रधान और वशभषा म उ�र भारत स कोई अिधक अतर नहीं कवल ववािहक प�रधान और मिदरों म                       �
                                                                                                       ं
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                                                                                               �
                                                                                                            �
                                                                                                    ू
                           े
           प्रवश क समय वि�, धोती या लगी की अिनवायता ह I ब्राह्मण वग कवल वि� प�रधान म ही पजा-अचना
                                                                                  े
                                                                         �
                                         ुं
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                                                                                 े
                                                                               े
                े
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                             ँ
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                                                       े
                                                          ं
                                                                     ू
                                                                         ँ
                   ै
                          े
           करत ह I सोन-चादी क �ानीय िडजाइन क मगलसत्र, चिड़या, गल क हार और �ानीय कारीगारों
                                                                                           े
                                                                                   े
                                                                                                 े
                                                                                                      े
                                                      ं
                            े
           क साथ-साथ अनक भारत�ापी नामचीन ब्राड क सोन-चादी क सभी िवक्रताओं क छोट-बड़ शो�म
                                                                    ं
                                                                         े
            े
                                                                े
                                                           े
                                 �
                      �
           ब�तायत म उपल� ह I
                                                                                                �
                                                                                                            ृ
                                                                                      ै
                                                                                                         ं
           यिद भाषा की बात की जाए तो �ानीय तिमल भाषा का प्रयोग िकया जाता ह I भाषा म �ा� स�त
                                                                                                          े
                                                           ै
                                                               े
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                               �
           श�ावली का नसिगक प्रयोग दखन को िमलता ह I तलग, क�ड एव मलयालम की जानकारी होन पर
                                                                              ं
                                                                   ु
                                                                 ु
                                                                              े
                                              े
                                           ू
           भी आप आसानी स अपनी बात दसर को समझा सकत ह अथवा उसस वातालाप कर सकत ह I �ानीय
                                                                                    �
                                                                                                     �
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                                                                                                  े
                                                                 �
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                                                                                    ं
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                                                                       े
                                                                 �
                                                                                        े
           कामकाजी समाज अपनी कारोबारी ज�रतों को �ान म रखत �ए िहदी एव अग्रजी का भी प्रयोग करत                  े
                                     ु
                                                               े
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                                                                                       े
                                                                               े
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           ह I �जतना भाषा िवरोध सनन को िमलता ह उतना दखन को नहीं I दशभर क अ� भागों, िवशषकर
                                        े
           गजरात, राज�ान एव िबहार स �ायी �प स आकार बस अ� भाषा-भाषी भी ब�तायत म दखन को
                                                                                                    �
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           िमलत ह I.
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           स�ण दि�ण भारत दवालयों स अटा पड़ा ह I शायद मगल आक्रातायों की प�च न होन क कारण
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                                                                                                    े
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           दवालय स�दा दि�ण भारत म अब भी सरि�त ह I तिमलनाड क च�ई शहर की बात कर तो कपाल�र
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