Page 5 - चिरई - कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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अध्यक्षे एवं प्रबंध निनंदेशक का संंदेश
                                                                                      े
                                                                    े



                           फिप्रयों साश्चिथयोंंं,

                                                                      ष
                                  ं
                                                  ै
                           योंह अत्यती हर्षष काा फिवंर्षयों ह फिका हडकां क्षेत्रीीयों काायोंालयों, कांलकाातीा अपनाी गाृह पफित्रीकाा
                                           ं
                                                               ै
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                           "श्चिचरई" का चतीथष अका काा प्रकााशीना कार रहा ह। गाृह पफित्रीकााए समकाालीना फिवंचारणाीयों फिवंर्षयोंंं
                                   े
                                                                                              ं
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                           काी प्रस्तफिती मात्री ही नाहीं हंतीी, वंरना भाावंी प्रगाफिती काी पवंषपीफिठकाा काा काायोंष भाी कारतीी ह।
                                                                      ू
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                                                                                           ं
                           राजभाार्षा का प्रफिती पणाष समपषणा का साथ-साथ कांलकाातीा क्षेत्रीीयों काायोंालयों पश्चि�म बंगााल एवं
                                                     े
                                                                                 ष
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                           श्चिसफि�म राज्य का फिवंकाास मं काई वंर्षं से फिवंश्चिभान्ना योंंजनााओंं मं फिवंत्तपंर्षणा का माध्यम से अहम
                                                                                    े
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                           भाफिमकाा फिनाभाातीे हुए पश्चि�म बंगााल एवं श्चिसफि�म राज्य का फिवंकाास मं भाी अपनाा अनाुपम योंंगादेाना
                            े
                           दे रहा ह।
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                           इंस फिवंशीर्षांका का माध्यम से हम उना सभाी मफिहलाओंं कां सम्मााफिनाती कारनाा चाहतीे ह श्चिजन्होंंनाे
                                                                                            ै
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                           अपनाे काायोंषक्षत्री मं उत्कृष्टातीा प्राप्ता काी ह और समाज मं सकाारात्मका बंदेलावं लानाे काा प्रयोंास
                                                         ु
                                                                                           ं
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                           फिकायोंा ह। हमं फिवंश्वास ह फिका उनाका अनाभावं और काहाफिनायोंां आप सभाी कां प्रेरिरती कारगाे।
                                                                          ं
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                           मं "श्चिचरई" का चतीथष अका का सभाी रचनााकाारंं, पफित्रीकाा का  सपादेना सफिमफिती  का सदेस्यंं तीथा
                                                 े
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                           इंसका प्रकााशीना से जड़ा सभाी व्यफि�योंंं और कांलकाातीा क्षेत्रीीयों काायोंालयों का सभाी कााफिमषकांं कां
                                                                        �
                                                                                     े
                           इंस ज्ञाानावंर्द्का पफित्रीकाा का प्रकााशीना का श्चिलए बं�ाई देतीा हूँ एवं "श्चिचरई" का उज्जवंल भाफिवंष्य
                                                                           ं
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                           काी काामनाा कारतीा हूँ।
                           शीुभाकाामनााओंं सफिहती।
                                                                                             ु
                                                                                      संंजय कुलश्रेेष्ठ
                                                                                               े
                                                                            अध्यक्ष एवं प्रबं� फिनादेशीका
                                                                                         ं
                                                                                      ं
 4                                                                                                              5
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                               "इसा निवशााल प्रदेशा कें हर भााग मं शिशाक्षिक्षेत-अशिशाक्षिक्षेत, नागरिरकें और ग्राामीण साभाी हिंहंदेी
                                                                     ृ
                                                                    �
                                                केंो सामझते ह।" - राहुल सााकेंत्याायन
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                                                                                                         े
 चि�रई, अंंक-4                                                                                हााउसिं�ंग एण्ड अंर्बन डेवलपमांट कॉपोरेशन सिंलसिंमाटडे े
 वर्षष : 2024-25, माा�ष, 2025                                                                  क्षेेत्रीीय कााया�लय, काोलकााताा काी वाार्षि�िका हि�न्दीी पत्रित्रीकाा
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