Page 7 - चिरई - कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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                                             निनंदेशक (विवत्त) का संंदेश
                                                                              े









                                   फिप्रयों साश्चिथयोंंं,
                                                                                      े
                                                                              ृ
                                                                                          े
                                   सरकाारी काायोंष मं फिहन्दी काा प्रयोंंगा बंढ़ाानाे और उसे समर्द् कारनाे का उद्देश्य से
                                                                                         े
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                                                                                             ु
                                   हडकां क्षेत्रीीयों काायोंालयों, कांलकाातीा नाे राजभाार्षा गाृह पफित्रीकाा "श्चिचरई" का चतीथष
                                    ं
                                                             ै
                                                                                    ै
                                   अका काा प्रकााशीना फिकायोंा जा रहा ह। योंह एका सराहनाीयों प्रयोंास ह।
                                                        े
                                   राजभाार्षा का प्रचार-प्रसार हतीु हमं सदेवं सृजनाात्मका काायोंष कारतीे रहनाा चाफिहए
                                                                ै
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                                   तीाफिका जीवंना ऊजामयों एवं आनादेमयों बंनाा रह। आशीा कारतीा हूँ फिका गाृह-पफित्रीकाा
                                   का  प्रकााशीना से फिहन्दी काा प्रसार एवं प्रभाावं देंनांं ही बंढ़ागाे। कांलकाातीा क्षेत्रीीयों
                                                              ं
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                                   काायोंालयों एवं सपादेका मदेनाल इंस सराहनाीयों प्रयोंास का श्चिलए बं�ाई काा पात्री ह।
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                                   शीुभाकाामनााओंं सफिहती।
                                                                                दलजीत सिंसं ं ह खत्रीी
                                                                                  फिनादेशीका (फिवंत्त)
                                                                                     े

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                                "सामाज और राष्ट् केंी भाावनाओं केंो परिरमाशिजित केंरने वाला सााहिंहत्या ही साच्चाा सााहिंहत्या
                                                      �
                                                   ह।" - जनादेनप्रसाादे झा द्वि�ज
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 चि�रई, अंंक-4                                                                                हााउसिं�ंग एण्ड अंर्बन डेवलपमांट कॉपोरेशन सिंलसिंमाटडे े
 वर्षष : 2024-25, माा�ष, 2025                                                                  क्षेेत्रीीय कााया�लय, काोलकााताा काी वाार्षि�िका हि�न्दीी पत्रित्रीकाा
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