Page 21 - मारू संदेश
P. 21

e: lans'k
















                           ै
                   जीववत  ह।  इसका  महत्व  समझ  और  कम  से
                                                ें
                   कम मुस्क ु राए। क ु छ िोगों को हयार स दखना
                                                         े
                               ीं
                                                       े
                   सीख।
                       ें







                                                                      जो  िोग  खुश  रहन  क  लिए  बाहर   हािात  पर
                                                                                       े
                                                                                          े
                                                                      ननभार रहते ह, वे कभी अपनी श्जींदगी म सच्ची
                                                                                                          ें
                                                                                  ैं
                                                                                                े
                                                                                                          े
                                                                                               ीं
                                                                      खुशी नह  महसूस कर पाएग। जीवन क अपन
                                                                                                                 े
                                                                              ीं

                                                                                                े
                                                                               े
               7.  खुद िो याद ददलाए                                   अनुभव  स  आप  साफसाफ  दख  सकते  हैं  कक   -
                                     ं
                                                                                                     ै
                                                                                                                े
                                                             े
                                                         े
                                              ें
                   जीवन की अहलमयत याद रख । हर आध घींि                 सच्ची खुशी आपको तभी लमिती ह, जब आपक
                                                                               ें
                                                                                              ै
                                                                      अींतमान म बदिाव आता ह। जब आप खुश होन
                                                                                                                 े
                                         ीं
                   म खुद को याद हदिाए -मैं जीववत ह ,  तुम
                                                         ‘
                                                      ीं
                     ें
                                                      ू
                                                                                                             ैं
                                                                       े
                   जीववत हो। और क्या चाहहए?’                          क लिए बाहर  श्स्र्नतयों पर ननभार होते ह, तो
                                                                      आपको समझना चाहहए कक बाहर  हािात कभी
               8.  िो अंदर ह, उसे बदल
                                        ें
                             ै
                                                                                                      ीं
                                                                      भी सौ फीसद  आपक अनुक ू ि नह  होते। अगर
                                                                                         े
                            ें
                  वतामान  म,  आपक  जीवन  की  गुर्वत्ता  उन
                                    े
                                                                                                    ैं
                                                                      आप अपने अींदर उस तरह होते ह, श्जस रूप म
                                                                                                                 ें
                                                            ैं
                  कपड़ों  से  तय  नह ीं  होती,  जो  आप  पहनते  ह।
                                                                      आप खुद को रखना चाहते ह, तो आप क ु दरती
                                                                                                ैं
                  वह  आपकी  शैक्षक्षक  योग्यताओीं,  आपकी  पररवार
                                                                                      े
                                                                      तौर पर खुश होंग। यह कोई ऐसी चीज नह  ह,
                                                                                                                ै
                                                                                                              ीं
                                               ें
                                      े
                  की  श्स्र्नत  या  आपक  बैंक  बैिस  से  तय  नह ीं
                                                                      श्जसे  आपको  खोजना  पड़े।  अगर  आप  अपनी
                  होती। आपक जीवन की गुर्वत्ता इस पर ननभार
                             े
                                                                                              े
                                                                                   ें
                                                                                                       ैं
                                                                      मूि  प्रक ृ नत  म  वापस  चि  जाते  ह,  तो  आप
                  करती ह कक आप अपने भीतर ककतने शाींत और
                         ै
                                                                                    ें
                                                                                      े
                                                                      लसफ खुश ह  रहग।
                                                                         ा
                        ैं
                  खुश ह।

               9.  दूसरों स िुलना िरना छोड़ द
                                               ें
                          े

                  ज्यादातर  िोग  इसलिए  दुखी  नह ीं  होते  क्योंकक
                                                                                                   हर्ष पसरीिा
                                                         ै
                      े
                  उनक  पास  ककसी  चीज  की  कमी  होती  ह।  वे
                                               े
                  दुखी इसलिए होते ह क्योंकक व खुद की तुिना                              उप महाप्रबंधि – ववत्त
                                     ैं
                  ककसी  और  से  करते  हैं।  आप  एक  मोिरबाइक
                          े
                  चिा  रह  ह,  आप  ककसी  को  मलसाडीज  चिाते
                             ैं
                   े
                  दखते ह और खुद को दुखी कर िते ह।
                                                    ैं
                         ैं
                                                े

                                                       t;iqj {ks=h; dk;kZy;
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