Page 53 - संकल्प - दसवां अंक
P. 53

दसवी  ं अंक






               “रोज़मरा  क  पल  की लालसा” / हर िदन क  ल ह  की चाहत






            म  अ सर उन िदन  को याद करता हूँ जब हमारा घर साधारण, रोज़मरा  की सुख-सुिवधा  से भरा हुआ था। तब जीवन की

            लय सहज लगती थी—काम क  बाद माँ घर आती तो शांित और गम जोशी का एहसास होता था िजससे सब क छ ठीक
            लगता था। उनकी मौजूदगी हमेशा सुक न देने वाली होती थी, उनक  खाना पकाने की महक और उनकी हँसी की आवाज़

            सुर ा और खुशी की पृ ठभूिम बनाती थी।


            िपताजी क  चुटक ले, हालाँिक वे अ सर हम  कराहने पर मजबूर कर देते थे, लेिकन हमारी िदनचया  का एक अहम िह सा

            थे। उनकी मज़ेदार पंचलाइन , चाहे िकतनी भी अनुमािनत  य  न ह , हमेशा हम  हँसाती थ । वे हमारा उ साह बढ़ाने और
            हम  अपने करीब रखने का उनका तरीका थे, भले ही हम अपनी आँख  घुमाने का नाटक करते ह ।



            मेरी बहन ने अपनी सहज म ती से उसम  अपनी चमक भर दी। चाहे वह कोई मूख तापूण  शो कर रही हो या मज़ािकया
            शरारत  कर रही हो, उसकी ऊजा  और हँसी ने आम पल  को क छ खास बना िदया। उसकी मौजूदगी ने प रवार क  समय

            को जीवंत और अिव मरणीय बना िदया।



            अब, जब हम सभी अलग-अलग जगह  पर रहते ह , तो हमारा संपक   यादातर वीिडयो कॉल क  ज़ रए होता है। हालांिक
            ये कॉल जीवन रेखा ह , लेिकन वे क वल इस बात पर  काश डालते ह  िक म  सभी क  करीब होने को िकतना याद करता हूँ।
            जब म  बीमार या उदास महसूस करता हूँ, तो यह िवशेष  प से किठन होता है। मुझे साथ रहने का आराम याद आता

            है—साझा हँसी, माँ की गम जोशी, िपताजी क  चुटक ले और मेरी बहन की शरारती हरकत ।


            पीछ  मुड़कर देखता हूँ, तो मुझे एहसास होता है िक म  ने उन साधारण पल  को िकतना ह क  म  िलया। रोज़ाना की हँसी और

            साथ रहना जो कभी इतना सामा य लगता था, अब अनमोल याद  की तरह लगता है। म  उन िदन  की िनकटता और
            सहजता क  िलए तरसता हूँ, और मुझे एहसास होता है िक म  उन साधारण लेिकन साथ क िदन  को िकतना याद करता हूँ।












                                                                                                   ि  टीना.टी.ए

                                                                                              सुपु ी  ीमती सुजा एस
                                                                                            संयु त महा बंधक (प र)




                                                            53
   48   49   50   51   52   53   54   55   56