हडको के अनवरत पर्यावास विकास दृष्टिकोण को नीतिगत रूप में अंतरित किया गया है, जिसके अंतर्गत जल आपूर्ति परियोजनाओं को स्वीकृति प्राप्त स्थानों पर साथ में ही सीवरेज योजनाओं पर भी ध्यान दिया जाता है। हडको के पास देश में स्वच्छता परियोजनाओं की एक वित्तपोषित श्रृंखला है जिसमें ऑन-साइट व्यक्तिगत सुविधाएँ जैसे दो पिट वाले देशी फ्लश शौचालय इकाइयां, सेप्टिक टैंक, बायोगैस डाइजेस्टर शामिल हैं; या स्थलीय अथवा गैर-स्थलीय सामुदायिक सुविधाएँ जिसमें पूर्व में निर्दिष्ट प्रौद्योगिकियों के अलावा ऑक्सीकरण तालाब, पारंपरिक सीवेज ट्रीटमेंट संयंत्रों सहित सीवरेज प्रणाली भी शामिल है, जो प्रवाह के अनुमेय निर्वहन मानकों को प्राप्त करने के लिए होती है।
हडको ने बुनियादी स्वच्छता, एकीकृत कम लागत वाली स्वच्छता सेवाएँ, वाम्बे(VAMBAY), फुटपाथ पर रहने वालों, रैन बसेरा योजनाओं आदि के राष्ट्रीय कार्य योजना कार्यक्रम के तहत व्यक्तिगत, सामुदायिक और सार्वजनिक स्तर पर स्वच्छता सुविधा के कार्यान्वयन में सक्रिय रूप से भाग लिया है। सार्वजनिक/सामुदायिक शौचालय सुविधाएँ प्रदान करने के लिए एमपीएलएडी निधियों का उपयोग करते हुए और गैर सरकारी संगठनों तथा शहरी स्थानीय निकायों को शामिल करके एक अभिनव वित्त पोषण तंत्र का उपयोग करते हुए हडको ने अपना स्वयं का सब्सिडी कार्यक्रम तैयार किया है । हडको ने कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर निधि) के तहत प्रमुख तकनीकी संस्थानों के साथ मिलकर कुम्भ मेले में स्व-कम्पोस्टिंग तंत्र वाले अस्थाई शौचालयों के निर्माण को वित्तपोषित किया।
हडको सीवरेज सिस्टम, एसटीपी सिस्टम इत्यादि के निर्माण के लिए विभिन्न यूएलबी/राज्य सरकार समूहों को वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रहा है। इसके अलावा, हडको ने ‘अमृत’ जैसी सरकार की विभिन्न प्रमुख योजनाओं में वित्तीय कमीं को पूरा करने के लिए राज्य सरकार को वित्तीय सहायता भी प्रदान की है। हाल ही में, हडको ने तमिलनाडु की विल्लुपुरम और तिंडीवनम नगर पालिकाओं में भूमिगत सीवरेज योजनाओं के लिए और पंजाब तथा राजस्थान के शहरी स्थानीय निकायों में सीवरेज सुविधाओं आदि के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की है।