तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण के परिणामस्वरूप कार्यालय परिसरों, सड़क फुटपाथों और ऊंचे अपार्टमेंट भवनों का निर्माण हुआ है, जिससे पक्की भूमि क्षेत्र बढ़ा है । पक्की सतहों की वजह से बारिश के दौरान सतही जल बहाव में वृद्धि हुई है और इसलिए शहरों में अचानक बाढ़ से बचने के लिए एक कुशल शहरी जल निकासी प्रणाली की आवश्यकता है। शहरी जल निकासी परियोजनाओं को आमतौर पर सीवरेज प्रणाली परियोजनाओं के साथ कार्यान्वित किया जाता है। हालांकि, हडको शहरी क्षेत्रों में बाढ़ से निपटने के लिए विशिष्ट शहरी जल निकासी परियोजनाओं को बुनियादी सेवाओं के महत्वपूर्ण घटकों में महत्वपूर्ण घटक के रूप में बढ़ावा दे रहा है।
हडको ने ओडिशा के पांच शहरों भुवनेश्वर, कटक, बरहामपुर, राउरकेला और संबलपुर में तूफानी जल निकासी के लिए परियोजना में अपनी वित्तीय सहायता प्रदान की है। इसके अतिरिक्त, पश्चिम बंगाल में बाढ़ प्रभावित जिलों में जल निकासी के लिए तथा जयपुर और लखनऊ में जल निकासी नेटवर्क इत्यादि के लिए भी वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। जल निकासी परियोजनाओं में अक्सर सड़क पुनर्निर्माण, नाले तथा नहरों आदि के निर्माण और रखरखाव को भी शामिल किया जाता है। हडको, मध्य प्रदेश (मुख्यमंत्री शहरी अधोसंराचन योजना), भरतपुर, राजस्थान में तूफान जल निकासी कार्यों, पंजाब के विभिन्न शहरी स्थानीय निकायों में बुनियादी ढांचे के निर्माण-कार्यों इत्यादि से जुड़ी योजनाओं को वित्तपोषित कर रहा है । इन परियोजनाओं के लिए क्रियान्वयन एजेंसियां राज्य के सार्वजनित क्षेत्र के उपक्रम, केंद्र के सार्वजनित क्षेत्र के उपक्रम, राज्य स्तर के नोडल विभाग जैसे लोक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, सिंचाई विभाग इत्यादि हैं।