Page 5 - HUDCO Darpan October2025
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अब य ार हम फर ना हो जाए
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अब य ार हम फर ना हो जाए पढाई नौकरी क च ता कह धल फाक रही ह ै
दल का चन फर ना खो जाए मरी शोना-बाब क कॉल आ रही ह ै
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वक़्त बवक़्त क बचनी बढाना बना जत चप्पल छत प भाग नग पर
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त ा रात म य ही जगाना अब घटो बन खाए पय होती रहगी सर
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रात भर चाद को दख क म राना दु नया तो कब अपनी थी
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आख ही आख म नशान लगाना इस ार क चलत अपन भी हो गए पराए
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अभी तो ढग स बात भी नह हुई ह ै बस अब य ार हम फर ना हो जाए
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एक झलक मात्र स स खो गई ह ै
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बस अब ऐसा पागलपन फर न छाए बड़ा मीठा लगता ह आ शक म रूठना मनाना
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अब य ार हम फर ना हो जाए I पास हो वो तो बमतलब ह सारा ज़माना
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ग़लतफ़हमी क धध जब छान लगी
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अब मलन मलान क हुई ह शरुआत मरी मोहब्बत मझपर ही म रान लगी
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और बन मौसम हो गई ह बरसात यहा आगाज़ लया एक नए पागलपन न े
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भीग रह ह हम तो उसम कछ परानी कछ नई सी उलझन न े
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लकर उसक हाथ म हाथ इस ार क चक्कर म इतना कछ हो जाता ह ै
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उसक काली ज क छाओं म दल रोता ह ल कन आस एक नह आता ह ै
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उसक चचल, नम अदाओं म अब घट घट क रोता ह दल अकल म
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घटो बन सर पर क बात म रह रह क उठता ह दद सीन म
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कब सबह स शाम ख़राब हो जाए सोचन क श मा बाप क भ और मन क शा त
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अब य ार हम फर ना हो जाए I इस सल सल म य सब कछ खो जाए
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ह भगवन! अब य ार हम फर ना हो जाए I
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लोग क अब नज़र म आ गए ह
न चाहत हुए घरवाल स टकरा गए ह आशीष स ह
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सहायक महाप्रबधक (सीसी)
Shanaya Singh Lakshya Rawat
D/o - Ashish Singh S/o - Nandan Rawat
AGM (CC) Graphic Designer (CC)
हडको दपण 5 HUDCO DARPAN