Page 40 - चिरई - कोलकाता क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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प्लाास्टि�क प्रदूूषण
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प्लाास्टि�क प्रदूू
ऋषभ �क्रबताी
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पत्री-देबेश �क्रबताी
क्षेेत्रीीयी प्रमुख
प्लााश्चि�का प्रदेूर्षणा आज काी सबंसे बंड़ाी पयोंाषवंरणाीयों समस्याओंं है, श्चिजससे योंह फिमट्टाी और जल स्रोंतींं मं पहु�च जातीा है।
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मं से एका ह। योंह समस्या ना कावंल हमार स्वास्थ् कां प्रभााफिवंती
2. एकुल-उपयोग प्लाात्मि�कु: आजकाल हम एकाल-उपयोंंगा
कार रही ह, बंक्ट्� योंह पृथ्वीी का सभाी जीवंंं का श्चिलए खतीरा बंना
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प्लााश्चि�का काी चीजंं काा ज्यादेा उपयोंंगा कारतीे ह, जसे फिका प्लााश्चि�का
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गाई ह। प्लााश्चि�का काा उपयोंंगा आजकाल हर जगाह हंतीा ह। हम
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काी बंंतीलं, �िॉ, और बंगा। योंे चीजं तीरती �काी जातीी ह और
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इंसकाा उपयोंंगा पकाश्चिजंगा, बंंतीलं, बंगा, श्चिखलौनाे, और बंहुती सारी
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पनाचषक्रणा मं नाहीं जातीीं।
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चीजंं मं कारतीे ह। लफिकाना क्याा आप जानातीे ह फिका प्लााश्चि�का काा
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3. जानाकुाराी कुी कुमी : लंगांं कां प्लााश्चि�का का देुष्प्भाावंंं का
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फिनापटारा कासे फिकायोंा जातीा ह और योंह हमार पयोंाषवंरणा कां कासे
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बंार मं जानाकाारी नाहीं ह। वंे संचतीे ह फिका इंसे �कानाे से कांई
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नाकासाना पहुचातीा ह? ै
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समस्या नाहीं हंगाी।
प्लाात्मि�कु कुा उपयोग : प्लााश्चि�का काा फिनामाषणा 20वंीं सदेी मं
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प्लाात्मि�कु प्रदूूर्षण कु प्रभा�
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शीुरू हुआ था और तीबं से इंसकाी लंकाफिप्रयोंतीा तीजी से बंढ़ाी ह।
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प्लाात्मि�कु प्रदूूर्षण कुा प्रभा� अत्यधिधाकु गभीरा है:
योंह ह�ा, मजबंती और सस्ता हंतीा ह, जं इंसे काई उद्युंगांं मं
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आवंश्यका बंनाातीा ह। लफिकाना इंसका लाभांं का साथ-साथ इंसका 1. पयाय�राण परा प्रभा� : प्लााश्चि�का समद्रुंं, नाफिदेयोंंं, और नााश्चिलयोंंं
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नाकासाना भाी ह। प्लााश्चि�का कां नाष्टा हंनाे मं सकाड़ांं साल लगातीे ह। मं पहु�चकार जलीयों जीवंना कां नाकासाना पहु�चातीा है। मछश्चिलयोंा�
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जबं हम प्लााश्चि�का काा सही तीरीका से फिनापटारा नाहीं कारतीे, तीं योंह और अन्य जलीयों जीवं प्लााश्चि�का काे टुकाड़ांं कां खा लतीे हं, श्चिजससे
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हमार पयोंाषवंरणा मं जमा हंनाे लगातीा ह। उनाकाी मौती हं सकातीी ह।
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प्लाात्मि�कु प्रदूूर्षण कु कुाराण 2. स्वास्थ् परा प्रभा� : जबं प्लााश्चि�का काा उपयोंंगा फिकायोंा जातीा
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प्लाात्मि�कु प्रदूूर्षण कु कुई कुाराण हं: ह, तीं योंह फिवंर्षा� पदेाथं कां छंड़ा सकातीा ह, जं मानावं स्वास्थ्
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1. अ�जिशष्ट प्रबेधाना कुी कुमी: काई जगाहंं पर काचर काा सही का श्चिलए हाफिनाकाारका हं सकातीे ह। खानाे का माध्यम से योंे फिवंर्षा�
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फिनापटारा नाहीं फिकायोंा जातीा। प्लााश्चि�का काचरा खले मं �काा जातीा पदेाथष हमार शीरीर मं पहुच सकातीे ह।
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"द्विकेंसाी राष्ट् केंी राजभााषाा वही भााषाा हो साकेंती ह शिजसाे उसाकें अधि�केंाधि�कें निनवासाी
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सामझ साकें।" - (आचाायव) चातुरसाेन शाास्त्ी
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चि�रई, अंंक-4
चि�रई, अंंक-4 हााउसिं�ंग एण्ड अंर्बन डेवलपमांट कॉपोरेशन सिंलसिंमाटडे े
वर्षष : 2024-25, माा
वर्षष : 2024-25, माा�ष, 2025 क्षेेत्रीीय कााया�लय, काोलकााताा काी वाार्षि�िका हि�न्दीी पत्रित्रीकाा
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