Page 42 - संगम - चेन्नई क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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सगम - ततीय स�रण /  �सतबर - 2025
                                                                                                   ं
                                                                                      ं
                                                                        ं
                                                                               ृ
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                            11व  अतरा�ीय योग िदवस का आयोजन
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                                         ं
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                                                                                             एल. सयल�ी
                                                                                                     ू
                                                                                                       �
                                                                   े
                                                             योग कवल शारी�रक �ायाम नहीं, अिपत सत�लत
                                                                                                      ु
                                                                                                        ं
                                                                                                          ु
                                                                          �
                                                             मन एव िनिवकारी आ�ा��क अव�ा प्रा�� का
                                                                     ं
                                                             सलभ अवाचीन साधन ह I आज की भागा-दौड़ी की
                                                                        �
                                                               ु
                                                                                     ै
                                                                       �
                                                                           े
                                                                ं
                                                             �ज़दगी म अनक शारी�रक रोगों, मान�सक तनाव,
                                                             कठा, अवसाद और �ख� िचत-मन जसी सम�ाओं
                                                               ुं
                                                                                                 ै
                                                                                            ँ
                                                               े
                                                             स हर कोई ग्र� ह I य सम�ाए कोई नई सम�ाए
                                                                               ै
                                                                                   े
                                                                                                              ँ
                                                             नहीं अिपत िचर-का�लक ह और इनका समाधान
                                                                                        �
                                                                        ु
                                                             भी कवल आधिनक दवाओं म नहीं ब�� प्राचीन
                                                                            ु
                                                                  े
                                                                                           �
                                                                                                े
                                                                                      ै
                                                                             �
                                                             योग  िक्रयाओं  म  िछपा  ह  I  योग  कवल  शारी�रक
                                                                                                      ं
                                                             सम�ाओं  का  नहीं  ब��  मान�सक  शाित  और
                                                                                                 ू
                                                             आ�ा��क उ�ान का साधन और स� िव�ान पर
                                                                        ै
                                                                                                         े
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           आधा�रत आ�ा��क अनशासन िक्रया ह I  सखद बात तो यह ह िक इस प्राचीन भारतीय पद्धित न आज
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           क व�ािनक यग म अपना िवशष �ान बना �लया ह और सरकारी प्रयासों न वि�क पटल पर आ�ोलन
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                                                                                      ै
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           क �प म इसकी उप��ित दज करन म अपना िवशष योगदान िदया ह I आज लबी आय क �ान पर
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                                                                           े
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           �� जीवन क प्रित आ�ा का भाव इसी प्राचीन भारतीय पद्धित क कारण बना ह I
                                                                                          ै
                                                                                   ै
           प्र�क वष 21 जन को अतरा� � ीय योग िदवस का आयोजन िकया जाता ह, �ों�िक 21 जन को उ�री
                                        �
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           गोलाध �
                                                 �
           म धरती पर सबस लबा िदन होता ह अथात इस िदन धरती पर सय की िकरण सबस लब समय तक पड़ती
                                                                       ू
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                                                                                             े
           ह I सय िकरणों की धरती पर लबी उप��ित का अथ ह धरती पर अिधक समय तक आ�ीजन िनमाण
                  �
                                         ं
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           की प्रिक्रया का होना और धरती क सभी जीवों को शारी�रक उ�ान क �लए लबी अविध का प्रा� होना I
                                                                             े
                                                                                     ं
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                  �
           इस वष भी च� �त्रीय कायालय म 21 जन को योग िदवस का आयोजन िकया गया I योग िदवस कायक्रम
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                                                 ू
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                                ु
           का आयोजन तालम� कायालय प�रसर क पाक म सय की कोमल िकरणों म िकया गया I सही यौिगक
                                                   े
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                                              �
           िक्रयाओं क �लए प्र�शि�त योगाचाय को आमित्रत िकया गया था I प्र�शि�त योगाचाय की ओर स योग
                                                                                                         े
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           और योग िक्रयाओं क मह� पर बिनयादी जानकारी क उपरात सय नम�ार क साथ योग सत्र का
                                                                               �
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                                       े
           प्रार� िकया गया I ऊपर स नीच क शारी�रक भागों की योिगक िक्रयाओं क क्रम म सभी आव�क
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                                              े
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                                                                                              �
           योग  िक्रयाओं  का  अ�ास  िकया  गाया  I  योग
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           िक्रयाओं  क  करत  समय  उनक  �लए  अपि�त
           �ान रखन योग बातों एव योग िवशष स पड़न          े
                                    ं
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           वाल प्रभाव िवशष की भी जानकारी दी गई I
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                                                   े
           सभी अिधका�रयों की ओर स सम�ा िवशष क
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           �लए पछ गए योग िवशष की जानकारी न इस
           सत्र को जीवत बना िदया I
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           अत म अपन दिनक जीवन म योग को िनरतर
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           शािमल करन क िन�य और योगाचाय प्र�श�क
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           क ध�वाद �ापन क साथ कायक्रम का समापन
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           िकया गया I
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