Page 43 - संगम - चेन्नई क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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          सगम - ततीय स�रण /  �सतबर - 2025
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                                                       �
                      योग का अ�ास कर तािक राजयोग की प्रा�� हो

                                                                                                े
                                                                                       आर. स��ल कमार
                                                                                                         ु

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           योग भारत की एक प्राचीन परपरा ह, �जस हज़ारों वष� स अपनाया जा रहा ह। यह कवल शारी�रक
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           �ायाम नहीं, ब�� जीवन जीन की एक शली ह, जो शरीर, मन और आ�ा क बीच सामज� को बढ़ावा
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                                                         ै
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           दती ह। आज क समय म योग दिनया भर म लोकिप्रय हो चका ह �ों�िक यह शारी�रक, मान�सक और
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                                                                     ु
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           भावना�क �ा� क �लए अनक लाभ प्रदान करता ह। ऐसा भी माना जाता ह िक कडली म दशाए गए
                                                                                                     �
                                                                ै
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           राजयोग क सकारा�क प्रभावों को िनयिमत और समिपत योग अ�ास क मा�म स अनभव या सश�
                                                                                                 ु
           िकया जा सकता ह।
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           साल 2020 तक हम िनयिमत �प स पदल चलन और साइिकल चलान को अपनी शारी�रक िफटनस का
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           िह�ा मानत थ। लिकन हडको प्रबधन द्वारा वष 2020 म लाइव योग सत्रों की श�आत और योगाचाय                   �
                                                                                          ु
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           व�ण जी क कशल मागदशन म हमन योग अ�ास प्रारभ िकया। इसक बाद हमन शारी�रक �ा� म                           �
                                                                                           े
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           उ�खनीय सधार महसस िकया, जो कवल पदल चलन स सभव नहीं हो पाया था। िनरतर और िनयिमत
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                                                                   े
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           योग अ�ास न अब तक हम कई परानी बीमा�रयों स बचान और उ� प्रभावी ढग स िनयित्रत करन म                     �
                                       �
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           मदद की ह।
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           ���गत �प स योग का जो सबस बड़ा लाभ हम िमला ह, वह ह शारी�रक �ा� म सधार, िवशष
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           �प स ल� समय तक साइट िनरी�णों और बाहरी आिधका�रक काय� क दौरान। िनयिमत अ�ास स                         े
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           हमारा लचीलापन बढ़ा ह, मासप�शया मजबत �ईं ह, मद्रा सधरी ह और सतलन बहतर �आ ह । इसक
                                                                     ु
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           अित�र� योग स वजन िनयित्रत करन, प्रितर�ा प्रणाली को सश� बनान और �दय �ा� म भी
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                                                                                     े
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           सहायता िमली ह। प्राणायाम और आसनों क अ�ास न हमार फफड़ों की �मता, र� सचार, और पाचन
                                                    े
                                                                     े
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           िक्रया को भी बहतर बनाया ह।
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