Page 44 - संगम - चेन्नई क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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सगम - ततीय स�रण / �सतबर - 2025
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योग मान�सक �ा� क �त्र म भी अ�त लाभकारी �सद्ध होता ह। यह तित्रका तत्र को शात करक
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तनाव और िचता को कम करन की �मता क �लए जाना जाता ह। िनमाण काय स जड़ हमार पशवर
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जीवन क प्रारिभक चरणों म हम अ�र ठकदारों/इजीिनयरों क प्रबधन और गणव�ा सिनि�त करन क
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दबाव म उ� �र का तनाव झलना पड़ता था। िकत, योग को अपन दिनक जीवन म शािमल करन क
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बाद इन चनौितयों स िनपटना अप�ाकत आसान हो गया। यह िवशष �प स उन लोगों क �लए अिधक
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लाभकारी ह, जो उ� दबाव वाल और चनौतीपण काय वातावरण म काय करत ह। �ान और मान�सक
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सजगता जसी योग तकनीकों न एकाग्रता को बढ़ाया ह, �रण श�� को मजबत िकया ह और मान�सक
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��ता को प्रो�ािहत िकया ह । िनयिमत अ�ास करन वालों न नींद की गणव�ा और भावना�क
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सतलन म भी सधार की बात कही जाती ह, िवशष �प स उन �त्रों म जहा मान�सक या भावना�क
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अ��रता अिधक होती ह।
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योग गहराई स आत�रक शाित और आ�-जाग�कता को भी प्रो�ािहत करता ह। यह ��� को
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वतमान �ण म जीन और जीवन की चनौितयों का सामना शाित और सयम क साथ काय करन की
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प्ररणा दता ह। योग आ�-अनशासन, क�णा और
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सत�लत जीवनशली को बढ़ावा दता ह। योगाचाय �
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इसक आ�ा��क प� ��� को अपनी अतरा�ा
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स जोड़त ह, �जसस ���गत िवकास, भावना�क
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सतलन और जीवन म सति� की अनभित होती ह।
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िन�षतः योग एक श��शाली और समग्र प्रणाली
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ह, जो सभी आय वग� क लोगों को लाभ प�चाती ह।
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यह आम बीमा�रयों जस सद� और बखार क मामल े
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म भी दवाओं पर िनभरता को कम कर दता ह। चाह े
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योग का अ�ास शारी�रक �ा�, मान�सक शाित या
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आ�ा��क उ�ित क �लए िकया जाए, यह जीवन की
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गणव�ा को िनि�त �प स बहतर बनाता ह। स�ाह
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म कवल तीन स चार बार भी सरल आसनों का अ�ास
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करन स ही योग का लाभ �लया जा सकता ह I यह िवशष �प स उन लोगों क �लए िवशष �प स कारगर
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ह जो �� या चनौतीपण िदनचया म रहत ह।
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