Page 15 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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शहरी चुनाौतीी हिनाहि� (यसंीएफ)
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इस नि�निध का उपयोगु ‘शहोरां को निवंकास कन्द्र]शहोरां का राच�ात्मक
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पु�निवं�कास औरा जले एवंं स्वंच्छेतेा क प्रस्तेावंं को नि�यानिन्वंते करा� े
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क निलेए निकया जाएगुा।
निवंत्तर्पोोषाणी तंत्री: यहो कोषा बंक योग्य परिरायोज�ाओंं की लेागुते क
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25% तेक का निवंत्तपोषार्ण करागुा, इस शते क साथा निक लेागुते का कम
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से कम 50% बंांड बंक ऋर्ण औरा पीपीपी से निवंत्तपोनिषाते निकया जाएगुा।
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2025-26 क निलेए 10,000 कराोड़े रुपय का आवंंटी� प्रस्तेानिवंते होै।
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श्रीी प्रशांत कु ु मारा कु ु� वंरा,
क्षत्रीीय प्रमुख गुवंाहाटी यूसंीएफ कुी आवंश्यकुता
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भााराते तेज़ीी से शहोराीकृते होो राहोा होै। निवंश्व बंक क अ�ुसारा, 2036 तेक • बंढ़तेी शहोराी आबंादेी की ज़ीरूराते पूराा करा�ा
भाारातेीय शहोरां मं 60 कराोड़े से ज़्यादेा लेोगुं क राहो� की उम्मीदे होै, • स्थाायीत्वं सुनि�नि�ते करा�ा
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जो व्यापक शहोराी निवंस्तेारा का संकते होै। यहो वंृनिद्ध महोत्वंपूर्ण� अवंसरां
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क साथा-साथा गुंभाीरा चु�ौनितेयं का भाी प्रनितेनि�निधत्वं करातेी होै। बंड़े े • निवंकास परिरायोज�ाओंं को समथा� देे�ा
शहोरां मं भाीड़ेभााड़े, अपयाप्त बंुनि�यादेी ढंाचा, आवंास की कमी औरा • उपलेब्ध ध� का उपयोगु सुनि�नि�ते करा�ा
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यातेायाते की भाीड़ेभााड़े प्रमुख निचंतेाएँ हों। पा�ी, स्वंच्छेतेा, परिरावंहो�
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औरा स्वंास्थ्य सवंा की मागु शहोराी प्रर्णानिलेयं की क्षमतेा से कहों • शहोराी नि�योज� से जुड़ेी समस्याओंं का समाधा�
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ज़्यादेा बंढ़ राहोी होै, निजससे अक ु शले सवंा निवंतेरार्ण औरा पयावंरार्णीय • मा�वं संसाध� की कमी को देूरा करा�ा।
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क्षरार्ण होो राहोा होै। इसक अनितेरिराक्त, लेाखं लेोगु बंुनि�यादेी सुनिवंधाओंं
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क निबं�ा झुग्गुी-झोपनिड़ेयं मं राहोते हों। इसक अलेावंा, खरााबं शहोराी कु. निवंकुासं कुद्र कु रूर्पो म शहरा:
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नि�योज� औरा खंनिडते शास� प्रभाावंी समाधा�ं मं बंाधा डालेते हों।
इ� चु�ौनितेयं का समाधा� करा� क निलेए निटीकाऊ शहोराी नि�योज�, भााराते मुख्यतेः ग्रेामीर्ण समाज से शहोराी समाज की ओंरा बंढ़ राहोा होै]
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निकफीायतेी आवंास मं नि�वंेश, बंुनि�यादेी ढंाचे मं सुधारा औरा प्रौद्योोनिगुकी इसनिलेए शहोरां की आनिथाक क्षमतेा का देोहो� करा� परा ध्या� कनिद्रते
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को अप�ा� की आवंश्यकतेा होै। निकया जा�ा चानिहोए, चाहोे उ�का आकारा क ु छे भाी होो। इसक निलेए क ु छे
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प्रमुख क्षत्रीं परा ध्या� देे� की आवंश्यकतेा होै, जसा निक �ीचे निचत्री 1
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भााराते सराकारा शहोराीकरार्ण को निवंकास, प्रगुनिते औरा प्रगुनिते क एक मं निदेखाया गुया होै:
अवंसरा क रूप मं देेखतेी होै औरा शहोराी क्षत्रीं मं मौजूदेा निस्थानितेयं को
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बंहोतेरा बं�ा� क निलेए लेगुातेारा प्रयास निकए जा राहोे हों। इस संदेभा� मं शहोरां को निवंकास इंज� क रूप मं परिरावंनितेते करा� क निलेए निवंनिभान्�
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एक संकतेक "शहोराी चु�ौतेी कोषा" की शुरुआते ध� क आवंंटी� मं सुझावं, निजन्हों शहोराी चु�ौतेी नि�निध (यूसीएफी) क माध्यम से प्रभाावंी
वंृनिद्ध होै। ढंंगु से नि�यानिन्वंते निकया जा सकतेा होै, �ीचे निदेए गुए हों:
ख. व्यार्पोारा-अ�ुकु ू ल �ीनितयं कुा कुायान्वंय�।
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1.00 लेाख कराोड़े रुपए क शहोराी चु�ौतेी कोषा (यूसीएफी) का
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उद्देेश्य रााज्यं को मौजूदेा शहोरां मं सतेते शहोराीकरार्ण औरा पु�निवं�कास नि�वंेश औरा व्यापारा निवंस्तेारा को प्रोत्सानिहोते करा� क निलेए सराले
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लेक्ष्यं को प्राप्त करा� की निदेशा मं �वंी� दृनिष्टकोर्ण से सोच� क निलेए नि�यामक ढंाचे:
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प्रोत्सानिहोते करा�ा होै।
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• स्पष्ट नि�वंेश-अ�ुक ू ले निवंनि�यमं का मसौदेा तेयारा करा� मं
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