Page 16 - HUDCO Darpan October2025
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ओज भरी वाणी
आज भी प रभा षत ह, ै
उसक ओज भरी वाणी स े
े
नकल हुए वचन,
ं
े
जसका नाम था ववकानद |
उठो, जागो, स हो
यही कहा था कई स दय पहल े
ू
उस महान साध न े
ं
जसका नाम था ववकानद |
े
तब तक न रुको,
जब तक लक्ष् क प्रा न हो
कहा था उस व ान न े
ं
जसका नाम था ववकानद |
े
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सोचो तो तम कमजोर बनोग, े
सोचो तो तम महान बनोग े
ु
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कहा था उस परम ानी न,
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ं
जसका नाम था ववकानद |
े
दूसरो क लए ही जीना ह ै
अपन लए जीना पश जीवन ह ै
ु
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जस ामी न हम कहा था,
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ं
उसका नाम था ववकानद |
े
जसन हम समझाया था क
ईश्वर हमारे भीतर ही ह ै
ं
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और इसा नयत ही सबस बड़ा धम ह ै
े
ं
उसका नाम था ववकानद |
आओ म ो हम एक हो !
े
और अपनी दुबलता स दूर हो
हम सब मलकर एक नए समाज,
एक नए भारत का नमाण करे।
यही हमारा स ा नमन होगा
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भारत क उस महान सत को
ं
जसका नाम था ामी ववकानद !!
ं
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सो नया
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ं
व रष्ठ प्रबधक (स.)
हडको दपण 16 HUDCO DARPAN