Page 17 - HUDCO Darpan October2025
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एक दूज क लए
(प ी का जोड़ा)
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यह स ी कहानी प ी क एक जोड़ क ह। पछल कछ कभी लगता था प य क स ा तजी स कम हो रही ह, ै
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दन स मझ यह सदर जोड़ा अक्सर सबह क समय दखाई कसी तरह स उसक साथी को बचा लो, उसको उसक इस
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दता था। दोन कभी बजली क तार पर बठ हुए दखत थ, े दुख स उबार लो, अगल साल फर स उस प रवार बनान े
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कभी कसी पड़ पर, कभी कछ बात करत रहत थ ,कभी का मौका मल जाएगा और उसक पीढ़ी आग चल पड़गी।
दोन शात रहत थ। दोन म स कोई एक जस ही उड़कर दन म इसी तरह क बात कई बार मन म आती रही। शाम
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दूसरी डाल या दूसरे पड़ पर बठता था, 5-7 सकड क भीतर को जब म टहलन नकला तो अधरा हो गया था लौटत े
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दूसरा भी उड़कर वही पहुच जाता था। मन कई बार सोचा समय अचानक मन म ाल आया क चलो उसी जगह
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क अगर कभी पास क कसी डाल पर बठ हुए दख जाए ं पर फर स एक चक्कर लगा लया जाए। म भगवान
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तो दोन क फोटो ख च लूगा मगर कभी ऐसा अवसर नह का फसला दखकर मझ दुख हुआ या सबह जी वत बच े
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आया। प ी क प्र त मरी च ता कम हो गई, बताना बड़ा म ल
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ह। स् ीट लाइट क रोशनी म मन दखा सबह वाली जगह
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कल सबह टहलत समय मन दूर स दखा तो मझ ऐसा म प ी क शव क कछ अवशष बच हुए थ, दो तीन कदम
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लगा क एक प ी सड़क क कनारे जमीन पर बठा हुआ क दूरी पर उसक साथी का भी शव पड़ा हुआ था। लगता ह ै
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ह। जब म कछ पास गया तो मझ दूसरा प ी लटा हुआ अपन साथी क शव क इद- गद उसन जीवन क अ तम
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दखाई पड़न लगा । म बड़ी तजी स उनक ओर बढ़ा ,जब कछ घट गजारे और स्वय भी अनत या ा म नकल पड़ा।
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दूरी 4 -5 फ ट ही रह गई , तो उनम स एक उड़कर पड़ पर
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बठ गया। दूसरा साथी बसध पड़ा हुआ था मन उस हलान े हमन पश-प य क आ शयान छीन लए ह ,जगल क
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डुलान क को शश क तो समझ म आया उसक प्राण कटाई तजी स हो रही ह ,पोखर तजी स सख रह ह, हम
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पखरु उड़ गए ह। मन उस सड़क स उठाकर म ी क बीच सबको च ता ह तो सफ अपनी। ा इस जोड़ क मौत क े
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डाल दया ता क उसका पा थ व शरीर पचतत्व म मल लए हम सब ज दार ह या फर भगवान न उन दोन
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जाए। का अत इसी तरह लखा था !
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भल ही उन प य को मन पाला नह था ल कन कछ
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दन स उनक आन दत जीवन को दख रहा था ,मझ बहुत
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दुख हुआ दनभर कई बार उ ी क बारे म सोचता रहा।
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कभी म कहता, भगवान उसक साथी को भी उठा लो वह
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जीकर ा करेगा। इतन प्रय साथी स बछड़ कर उसका साकत ीवास्तव
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जीवन तल - तल मरन क समान ही ह। चडीगढ़ ीय कायालय
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हडको दपण 17 HUDCO DARPAN