Page 29 - संकल्प - दसवां अंक
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दसवी ं अंक
मा टर क िदल पर पंजे क िनशान - िबंगो की यारी याद म
(28/8/2007 – 12/2/2021)
म िबंगो हूं, आपका जम न शेफड अभी भी यहां है,
मेरे गु , िम क पया मेरे िलए शोक मत करो,
म अभी भी यहाँ हूँ, हालाँिक आप नह देख रहे ह ,
म हर रात और िदन आपक साथ हूँ,
और तु हारे िदल म , म रहना चाहता हूँ,
मेरा शरीर चला गया है लेिकन म हमेशा पास हूं,
म वह सब क छ हूं जो आप महसूस करते ह , देखते ह या सुनते ह ,
मेरी आ मा वतं है, लेिकन म कभी नह हट गा,
जब तक तुम मुझे अपने िदल म िज़ंदा रखोगे,
म आपकी नजर से कभी ओझल नह होऊ गा
जब आप समु तट पर होते ह तो म गम नम रेत हूं,
जब पतझड़ आता है तो म रंग-िबरंगे प े बन जाता हूँ,
जब आप यह सोचने लगते ह िक आपसे यार करने वाला कोई नह है,
तुम अपने ऊपर भु क ारा मुझसे बात कर सकते हो,
म पेड़ पर प क मा यम से अपना उ र फ सफ सा कर सुनाऊ गा,
और आप गिम य की नरम हवा म मेरी उप थित महसूस कर गे
जब सूरज चमकना शु करता है तो म काश की पहली िकरण होती हूँ,
और तुम देखोगे िक चाँद म चेहरा मेरा है,
म गम नमकीन आँसू हूँ जो आपक रोने पर बहते ह
और वो खूबसूरत सपने जो सोते समय आते ह
म वह मु कान हूं जो आप एक ब े क चेहरे पर देखते ह
बस मुझे ढ ढो ऐ दो त, म हर जगह हूं
और मेरा गु और िम कह रहा है
तुमने मेरी िजंदगी छोड़ दी है
डॉ. जेशुआ एच
लेिकन तुम मेरा िदल कभी नह छोड़ोगे.
सुपु हेम िसंग ओिलवर
संयु त महा बंधक (प र)
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