Page 32 - संकल्प - दसवां अंक
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दसवी ं अंक
िश क नीित िनमा ता ारा िडजाइन की गई एक ुिटपूण णाली क भीतर काम कर रहे ह , िज ह ने अपने
जीवन म एक िदन भी नह पढ़ाया है, मानकीक त परी ण से त ह मानकीक त परी ण जो वा तिवक
सफलता को मापते नह ह ।
मुझे वत मान िश ा णाली क बारे म संदेह हो सकता है, लेिकन मुझे लोग पर िव वास है।अगर हम वा य
सेवा, कार और फ सबुक पेज को अनुक िलत कर सकते ह , तो हम िश ा को भी िनजीक त करना चािहए।
हम येक छा की अनूठी मता को पोिषत करने पर यान क ि त करते हुए पुरानी परंपरा से परे जाने
और आगे बढ़ने की आव यकता है।
गिणत मह वपूण है, लेिकन कला, नृ य और संगीत भी मह वपूण ह । हर उपहार समान अवसर का
हकदार है। छा हमारी आबादी का 30% ह लेिकन हमारे भिव य का 100% ह । उनक सपन म भाग लेने से,
हम अिव वसनीय चीज हािसल कर सकते ह । छा को उन सभी िवक प को आजमाने और उप थत होने
की वतं ता दी जानी चािहए जो उनक िलए उपल ध ह । यह क वल ेड क बारे म नह है, िश ा वह नह है
जो आपको क वल िकताब से िमलती है, यह आपक िदमाग को सोचने और तदनुसार काय करने क िलए
िशि त करती है। िश ा त य की िश ा नह है, ब क यह जानने क िलए कौशल ा त करने क बारे म
अिधक है िक वा तिवक जीवन थितय म उन त य को क से और कहाँ लागू िकया जाए।
आज की तेजी से भागती और जिटल दुिनया म , मह वपूण कौशल, जो रचना मक और गंभीर प से सोचने
क िलए िदमाग को िशि त करक हािसल िकए जाते ह , पहले से कह अिधक मू यवान ह । इसक िलए
िश ा णाली म बदलाव की आव यकता होती है, जो रटने को ाथिमकता देती है, जो इन आव यक कौशल
का पोषण करती है।
यह वह दुिनया है िजसम म िव वास करता हूं - एक ऐसी दुिनया जहां मछली को अब अपनी यो यता सािबत
करने क िलए पेड़ पर नह चढ़ना पड़ता है।
ीमती अंजू एस
बहू, ीमती गीता क मारी,
व र ठ बंधक (िव )
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