Page 47 - संकल्प - दसवां अंक
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दसवी ं अंक
नह था। सबसे आ चय की बात तो यह थी िक, सभी दरवाजे और िखड़िकयाँ बंद थे, िफर वह िब ली
अंदर क से आ गई, वह िब ली ऐसा कर ही नह सकती थी। उस िदन क बाद म ने उस िब ली को दोबारा
कभी नह देखा... या वह िब ली भूत थी..?
क मारी चैत या एस
सुपु ी, ीिव ा एस
संयु त महा बंधक (िविध)
हमारी छोटी किलय की रचना मकता
वरदा
पोती, ीमती जलजा राजन
व र ठ बंधक(िव )
िवहान क णा
पोता, ीमती गीता क मारी
व र ठ बंधक(िव )
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