Page 19 - चंदन वाणी - बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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           यह बात मझ सबस िादा प्रभावर्ाली लगी – क्वाटर का
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           हर कमरा इस तरह वडिाइन वकया गया र्ा वक वदन क े
           समय भरपर प्राकवतत रोर्नी अदर आ सक । ल्कखड़वकयों
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           की ल्कस्थवत, हि रग की दीवार और खला वातायन
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           लआउट वमलकर ऐसा वातावरण बनात हैं वक वदन में बल्ब
           की ज़ऱूरत नहीं पड़ती । वसफ यही नहीं, हवा क े प्रवाह
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           को ध्यान में रखत हुए वकया गया वडज़ाइन प्राकवतक
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           ठडक भी सवनल्कचचत करता है – विसस पखों और
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           र्ीतलक यत्र की ज़ऱूरत बहुत हद तक र्ट िाती है । यह
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           सच में ऊिा दक्षता का िीता-िागता उदाहरण र्ा ।
           मन क्या िीखा?
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                                                                                            ु
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           में हडको में एक प्रवर्क्ष अविकारी हँ और यह मरी पहली फील्ड वविीट र्ी । पर इसन मझ कागज़ से
                                                                              श
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           उठाकर िमीनी समझ दी । सोलर पनल, एलईडी, प्राकवतक रोर्नी – ये वसफ तकनीकी नहीं, ये सोच का
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           बदलाव हैं और यह तकनीकी वकफायती और हमार र्रों में अपनाना आसान है । हररत भवन ऱूपरखा
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           मल्ाकन वसफ एक रवटग वसस्टम नहीं है – यह एक वदर्ा है, िो हम स्माट और सस्टनबल दर् की ओर
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           ले िाती है ।
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           हम क्या और कर सकत है? छतों पर सोलर पनल लगाकर र्ि ववदयत मापन प्रणाली क े ज़ररए ववदयत
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           आपवत कपनी को वबिली बचना
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                                                                          ्
                                                           स्वचावलत वडविटल वनयत्रण प्रणाली क े सार्
                                                                                  ं
                                                           करना
                                                        • नई इमारतों में वडज़ाइन क े सार् प्राकवतक
                                                                                                 ृ
                                                           वातायन और प्रकार् व्यवस्था
                                                        • हर कालोनी का सालाना ऊिा लखा पररक्षण
                                                                                            े
                                                                                        श
                                                           करना
       सनष्कष: ग
       एच.ए.एल अविकाररयों क े क्वाटर यह वदखात हैं वक िब वडज़ाइन,
                                                े
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       नीवत और सोच वमलती है तो असभव कछ नहीं होता । GRIHA
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       मल्ाकन की वदर्ा में एच.ए.एल कालोनी की ये उड़ान आनवाल         े
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       समय की प्ररणा है । िहा पहल छत खाली र्ीं, वहीं अब सरि
       मस्कराता है और िहा पहल अिरा र्ा, वहा आि समझ की रोर्नी है
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                                                                                             े
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