Page 18 - चंदन वाणी - बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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छतों पर सूरज, गयलयों म समझ – एच.ए.एल कालोनी की  ररत उडान
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         हररत भवन की वसिात पढना और उस ज़मीन पर होत दखना – दोनों में फक         श
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         होता है । िब मैं हुडको वडज़ाइन परामर् (Design Consultancy) क े तहत
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         बगलरु में वनवमत एच.ए.एल अविकाररयों क े क्वाटस का दौरा करन पहचा, तो
         लगा िस वकताबों से बाहर वनकलकर कोई प्रवतऱूप िीववत हो उठा हो । वो
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         कालोनी िो कभी कोयल से आई वबिली पर वनभर र्ी, आि अपनी छत पर
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                                                                                    क्िाटर प्रिेश िार पर
         सरि को आमवत्रत कर रही र्ी ।                                                   नाम पट्वटका
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         बचपन में गली को कोनों पर लगी 100W की सोवडयम वाष्प लाइट याद है । वो िो पीली रोर्नी दती र्ी
                                                                                         े
         और कई बार िलन में वक्त लगाती र्ी, उसी िगह अब 50W एलईडी लाइट लगी र्ी – ति साफ और
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         स्माट । इन लाइटों में ससर लग है, िो वदन में खद बद हो िात है और र्ाम होते ही खद िल उठत हैं ।
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         उनस न कवल 50 प्रवतर्त बिली की बचत होती है, बल्कि रखरखाव भी कम होता है । िहा एक परानी
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         लाइट साल में 365 यवनट खपत करती र्ी, अब वही काम आिी ऊिा में हो रहा है और --- उत्सिन भी
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         50 प्रवतर्त कम ।

        िब में सीवढयों से ऊपर पहुचा तो कालोनी की छत पर लग 32 सोलर पनल वदखाई वदए – दोनों तरफ
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        16-16, कल 12 (kilowat-peak) kWp की क्षमता । हर पनल 335 वॉट का और सब वग्रड से िुड़े
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        हुए । इन पनलों से उत्पन्न ऊिा से सीवढयों, गवलयारा की रोर्नी और सामाऩॎय क्षत्र क े सारी िऱूरत ें
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        परी हो िा रही र्ीं । GRIHA क े मापदडों ते अनसार यह एक आदर् व्यवस्था र्ी, विसम ऑन-साइट
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        िनरर्न – मख्यत सामाऩॎय क्षत्र की लाइवटग और आपतकालीन लाइटों क े वलए उपयोग हो रही है,
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        विसस टासवमर्न लॉस-- नगण्य रहता है ।
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