Page 17 - चंदन वाणी - बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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मध्य-आयु िगा (आयु 40 - 60 िषा)
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इस उम्र में लोग प्रायः कररयर, पररिार और भत्रिष्य की योजनाओिं क े बीच सिंतुलन साधत ैं। त्रित्तीय
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समािशन और साक्षरता उन् सक्षम बनाता ै:
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• दीघाकायलक यनिश और पशन योजनाओिं क े माध्यम से सुरट्क्षत सिायनिृत्रत्त
• स्िास््य, जीिन एििं सिंपत्रत्त बीमा से जोट्खम प्रबिंधन
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• हडट्जटल बैंहकग और बजहटग टूकस से सिंसाधनों का सिोत्तम उपयोग
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• ऋण, सिंपत्रत्त और त्रिरासत यनयोजन पर सूयचत यनणाय लना
रणनीयतक त्रित्तीय साक्षरता जीिन की जहटल त्रित्तीय पररट्स्र्यतयों में लचीलापन बढाती ै और
आत्मत्रिश्वास प्रदान करती ै।
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मघा यमिुका
कष्ण लाल गगा
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प्र.अ (त्रित्त) की पत्नी
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“सपन िो न ीिं जो म सोत िक्त देखत ैं,
सपन िो ैं जो म सोन न ीिं देते”
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– डॉ. अब्दुल कलाम
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