Page 33 - चंदन वाणी - बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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प्रोफिर उदुपी रामचद्र राव (यू. आर. राव) – भारत क े िटलाइट मन
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प्रोफसर उदपी रामचद्र राव (1932–2017) कनाटक क े गौरव और भारत क े
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अतररक्ष कायिम क े प्रमख वर्ल्कल्पयों में से एक र्। “सैटलाइट मन ऑफ
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इवडया” क े नाम से प्रवसि, उन्ोंन 20 से अविक भारतीय उपग्रहों क े वनमाण व
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प्रक्षपण का नतत्व वकया, विसन दर् में दरसचार, मौसम ववज्ञान, टलीववज़न
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प्रसारण और ररमोट सवसग की वदर्ा बदल दी। इसरो क े अध्यक्ष (1984–
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1994) रहत हुए उन्ोंन INSAT शखला और PSLV रॉकट कायिम को नई
ऊचाइयों पर पहुचाया। उन् पद्मभषण, पद्मववभषण और 2013 में “सटलाइट
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हॉल ऑफ ़िम” में र्ावमल होन का गौरव प्राप्त हुआ। उनका काय आि भी
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वज्ञावनकों को प्रररत करता ह।
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प्रोफिर सचत्तमसण नागिा रामचद्र राव (िी. एन. आर. राव) – सवज्ञान क े
सशखर परुष
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1934 में बगलरु में िन्म प्रोफसर सी. एन. आर. राव ठोस अवस्था और सामग्री
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रसायन ववज्ञान (सॉवलड स्टट व मटीररयल्स कवमस्टी) क े ववश्व-प्रवसि वज्ञावनक
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ह। उन्ोंन 1,600 से अविक र्ोि पत्र और 50 से ज़्यादा वकताबें प्रकावर्त की
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और ननोववज्ञान तर्ा सपरकडल्कक्टववटी क े क्षत्र में अमल् योगदान वदया।
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प्रिानमत्री क े वज्ञावनक सलाहकार पररषद क े अध्यक्ष क े ऱूप में उन्ोंन भारत
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की ववज्ञान नीवत को आकार वदया। उनक अतलनीय काय क े वलए उन् पद्मश्री,
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पद्मववभषण और 2014 में भारत रत्न से सम्मावनत वकया गया। वे भारतीय
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ववज्ञान की ऊचाइयों क े प्ररणास्रोत ह।
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बान मश्ताक – कन्नड़ िासित्य की अतरराष्ट् र ीय पिचान
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बान मश्ताक एक प्रवसि कन्नड़ लल्कखका, वकील और सामाविक कायकता ह।
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मवहलाओं, दवलतों और अल्पसख्यकों क े मद्ों को उन्ोंने अपनी कहावनयों में
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सर्क्त स्वर वदया। उनका सकलन हाट लम्प: वसलक्टड स्टोरीज़ (अनवाद:
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दीपा भष्ट्ी) को 2025 में इटरनर्नल बकर परस्कार वमला – यह पहली बार र्ा
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िब वकसी कन्नड़ रचना को यह सम्मान प्राप्त हुआ। उनका सावहत्य कनाटक
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की िड़ों में रचा-बसा होत हुए भी ववश्वक मद्ों से िड़ता ह।
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तलिी गौड़ा – जगलों की सवश्वकोश
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उत्तर कन्नड़ विल क े होन्नल्ली गाव की तलसी गौड़ा पयावरण सरक्षण की
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िीवत वमसाल ह। हलक्की िनिावत से आन वाली तलसी िी ने वबना
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औपचाररक वर्क्षा क े भी पौिों और िड़ी-बवटयों का अदभत ज्ञान अवित
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वकया। उन्ोंन 30,000 से अविक पड़ लगाए और िव-वववविता को बचान में
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िीवन समवपत वकया। 2020 में उन् पद्मश्री से सम्मावनत वकया गया। सरल
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िीवन और अवडग सकल्प से वे प्रकवत प्रम की प्ररणा बनी हुई ह।
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