Page 31 - चंदन वाणी - बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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गोकण – पसवत्र तट नगरी
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गोकण आध्याल्कत्मकता और प्राकवतक सौंदय का अदभत सगम ह। यहा ँ
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महाबलश्वर मवदर ल्कस्थत ह, िहा भगवान वर्व का पववत्र आत्मवलग माना
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िाता ह। सार् ही, ओम बीच, कदल बीच और पराडाइज़ बीच िस र्ात
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तट इस तीर्यावत्रयों और यावत्रयों दोनों क वलए आकषक बनात ह।
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कग (कोडग) – भारत का स्कॉटलड
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कग एक अनोखा पवतीय स्थल है, िो िि से ढकी पहावड़यों, फली हुई
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कॉफी बागानों और िीवत कोडवा सस्कवत क े वलए िाना िाता ह।
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“भारत का स्कॉटलड” कहलान वाला यह इलाका फील्ड मार्ल क े. एम.
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कररयप्पा और टवनस वसतार रोहन बोपन्ना िस नायकों की िन्मभवम भी
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िट सफलोमना चच – नवगॉसिक चमत्कार
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मसर का सट वफलोमना चच एवर्या क े सबस बड़ चचों में से एक ह।
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1936 में बना यह िमनी क े कोलोन कर्डल से प्रररत नवगॉवर्क र्ली
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का र्ानदार उदाहरण ह। 175 फीट ऊच िड़वा वर्खर र्हर क े
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आकार्-दृषॎय में चमकत ह। इसक रगीन काच की ल्कखड़वकया मसीह क े
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िीवन की झलक वदखाती ह। यह चच मसर की सास्कवतक वववविता
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और वास्तकला िरोहर का महत्वपण प्रतीक ह।
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गोल गम्बज़ (सवजयपर) – प्रसतध्वसन का गबद
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ववियपर (वबिापर) ल्कस्थत गोल गम्बज़ आवदलर्ाही वर् क े सल्तान
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मोहम्मद आवदल र्ाह का मकबरा ह। 1656 में वनवमत यह स्मारक
अपन ववर्ाल गबद क े वलए ववश्वप्रवसि है, िो दवनया का दसरा सबस े
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बड़ा वबना सहार वाला गबद ह। इसकी “ल्किस्पररग गैलरी” में िीर से बोल े
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गए र्ब्द भी कई बार दसरी ओर स्पष्ट् सनाई दत ह। इसका भव्य
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पमाना, वहद-इस्लामी स्थापत्य और अदभत ध्ववन-प्रवतध्ववन इस कनाटक
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का चमत्कार और भारत का प्रवतवष्ठत ऐवतहावसक स्थल बनात ह।
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