Page 4 - चंदन वाणी - बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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सिंदश
त्रप्रय सायर्यों,
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मुझ य जानकर अत्यिंत प्रसन्नता ो र ी ै हक डको क्षिीय कायाालय, बगलुरु अपनी
िात्रषाक पत्रिका “चिंदनिाणी” क े हितीय अिंक का प्रकाशन कर र ा ै । य पत्रिका न
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किल मार कायाकलापों, उपलट्ब्धयों और प्रयासों का दपाण ै, बट्कक य मारी
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सृजनात्मकता, साह ट्त्यक अयभरुयच तर्ा सकारात्मक ऊजाा का भी जीििंत प्रयतत्रबिंब ै ।
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डको ने अपन स्र्ापना काल से ी दश क े इन्रास्रक्चर, त्रिशषकर आिासन और
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श री त्रिकास क्षि में उकलखनीय योगदान हदया ै । य यािा क ेिल पररयोजनाओिं तक
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सीयमत न ीिं र ी, बट्कक इसम मानिीय सिंिदनाओिं, सामाट्जक उत्तरदाययत्ि और सतत
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त्रिकास की भािना भी समाह त र ी ै । “चिंदनिाणी” का प्रकाशन इस बात का प्रमाण
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ै हक म किल इमारत न ीिं बनात, बट्कक समाज और सिंस्कयत क े मजबूत स्तिंभों का
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भी यनमााण करते ैं ।
मैं आशा करता ूूँ हक “चिंदनिाणी” पत्रिका क्षिीय कायाालय की गयतत्रियधयों क े सार्-
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सार् स्र्ानीय सिंस्कयत को उजागर करन का समुयचत माध्यम बनगी तर्ा रचनाकारों
एििं पाठकों क े बीच ह न्दी भाषा में त्रिचार-त्रिमशा और परस्पर िैचाररक आदान-प्रदान क े
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यलए एक कडी का काम करगी । मैं सिंपादकीय दल और इस पत्रिका से जुडे सभी
स योयगयों का उनक अर्क प्रयासों क े यलए ाहदक बधाई दता ूिं ।
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शुभकामनाओिं सह त,
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सिंजय कलश्रेसॎठ
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अध्यक्ष एििं प्रबिंध यनदशक
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