Page 9 - चंदन वाणी - बेंगलुरु क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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म ास्तिंभ: य स्तिंभ आधार या नीिंि को छ ु ए त्रबना खडा । आधार या नीिंि पर एक कागज़
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या रुमाल को एक तरफ से दूसर तरफ ले जा सकत । 12िीिं शताब्दी में हकए गए इस
स्तिंभ की तकनीकी की ककपना कीट्जए, आज तक इस तकनीकी को समझ न ीिं पाया ।
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800 से ज्यादा सालों से बाररश, गरज, त्रबजली, िा आहद क े बािजद, इस स्तिंभ को कछ न ीिं
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म सभी भारतिायसयों को इस भव्य और प्राचीन कलात्मक मिंहदरों को यसफ ा आूँखों से
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दखना ी न ीिं बट्कक समझन की भी अत्यिंत आिश्यकता ै|
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य यूनस्को िारा मान्यता प्राप्त त्रिश्व धरो र स्र्लों में से एक ै ।
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इस सन्दभा में एक म त्िपूणा सन्दश - दुयनया को दखन से प ल अपना देश और उसकी
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खूत्रबयािं और चररि को दख, समझ और परखें| एक नागररक ोन क े नात य मारा प्रर्म
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कत्ताव्य ै|
िारा रयचत
आरती आर. बकिाडी
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यनिृत्त उ.म.प्र (आईटी)
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