Page 4 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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संंदेेश
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गुुवंाहोाटीी क्षेत्रीीय कायालेय, होडको द्वााराा प्रकानिशते की जा� वंालेी ‘पूवंाचले
पनित्रीका’ सकाराात्मक प्रयासं की सुदृढ़ श्रृृंखलेा होै। इसमं राच�ात्मक लेेख� प्रनितेमा
को एक साथा एक गुनितेशीले आयाम निमलेगुा । मं पनित्रीका क सभाी राच�ाकारां को
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उ�क निहोन्देी लेख� क निलेए साधुवंादे देेतेा होँँ । रााजभााषाा �ीनिते औरा नि�देेनिशकाओंं
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क अ�ुपाले� मं होमं कायालेयी� काम निहोन्देी मं करा�ा आवंश्यक होै, तेभाी निहोन्देी का
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निवंकास औरा कायान्वंय� समेनिकते रूप से होो सकतेा होै ।
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निहोन्देी निदेवंस क इस पावं� अवंसरा परा मं होडको क्षेत्रीीय कायालेय एवंं पूवंोत्तरा
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निस्थाते होडको क अन्य कायालेयं से आह्वाा� करातेा होँँ निक होम अप� कायालेयी काम-
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काज मं अनिधक से अनिधक निहोन्देी का प्रयोगु करा औरा निहोन्देी को शीषा� स्थाा� निदेलेाएं।
निहोन्देी निदेवंस क अवंसरा परा यहोी होमाराा संकल्प भाी होो�ा चानिहोए ।
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शुभाकाम�ाओंं सनिहोते ।
(श्रीी एम. �ागरााज)
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नि�देशकु (कुॉर्पोोराट प् लानि�ंग)
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