Page 6 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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                                                 शुभकाामनाा संदेेश









                                           निवंनिवंध  भााषाा,  धम�,  सम्‍ प्रदेाय  तेथाा  संस् कृनितेयं  वंालेी  इस  भााराते  भाूनिम  �  े
                                                                           े
                                                                    े
                                       ‘‘निवंनिवंधतेा मं एकतेा’’ का मूले मंत्री लेकरा अप� अटीूटी अखंडतेा को कायम राखते  े
                                       होुए पूरा निवंश् वं मं भाारातेीयतेा की एक अलेगु पहोचा� बं�ाई होै। निहोन् देी भााषाा भाारातेीय
                                            े
                                                                         �
                                       पहोचा� की एक सशक्त कड़ेी होै निजसे सम्‍ पक भााषाा क रूप मं भाी प्रयोगु मं लेाया
                                                                                े
                                       जातेा राहोा होै। देेवं�ागुराी निलेनिप मं निलेखी जा�वंालेी निहोन् देी भााषाा को रााजभााषाा का
                                                                         े
                                                           े
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                                                                                     े
                                       देजा देेकरा भााराते सराकारा � कायालेयी काम-काजं मं निहोन् देी क अनिधकानिधक प्रयोगु
                                                     े
                                                       े
                                       को सुनि� नि�ते करा� क निलेए रााजभााषाा निवंभाागु का गुठ� निकया होै। सराकाराी तेथाा
                                                 े
                                                                        �
                                                                  ं
                                                    े
                                       सावं�जनि�क क्षत्री क सभाी उप�मं, बंकं कायालेयं को रााजभााषाा नि�देेशालेय से जाराी
                                                          �
                                       नि�देेशं तेथाा वंानिषा�क काय�मं का अ�ुपाले� करा�ा पड़ेतेा होै।
                                                      �
                                           होडको का काय-क्षत्री समूचा पूवंाचले क्षत्री निजसमं आठ रााज् य आते हों औरा जो
                                                         े
                                                                   �
                                                                        े
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                                       रााजभााषाा क वंगुीकरार्ण अ�ुसारा ‘‘गु’’ क्षत्री अथााते् निहोन् देीतेरा भााषाी क्षत्री मं पड़ेतेा होै।
                                                                     े
                                           होडको गुुवंाहोाटीी क्षेत्रीीय कायालेय � भााराते सराकारा से जाराी नि�देेशं का अ�ुपाले�
                                                                �
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                                                  �
                                       कराते होुए कायालेयी काम-काज मं निहोन् देी क अनिधकानिधक प्रयोगु को सुनि�नि�ते करा�  े
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                                                                       े
                                       क निलेए होरा संभावं प्रयास निकया होै। संगुठ� मं रााजभााषाा अ�ुभाागु का गुठ� निकया गुया
                                        े
                                                   े
                                       होै तेथाा निहोन् देी क सवंानिधक प्रगुामी प्रयोगु को सुनि�नि�ते निकया गुया होै।
                                                       �
                                                          �
                                           इस अंचले से ‘पूवंाचले’ का वंानिषा�क रूप मं प्रकाश� करा� का नि�र्ण�य भाी
                                                                                         े
                                                     े
                                       रााजभााषाा निहोन् देी क प्रचारा-प्रसारा की निदेशा मं एक ठोस कदेम होै । आशा होै सुधी
                                       पाठक इसका स् वंागुते करागुे औरा अप� स् तेराीय लेख�-सामग्रेी भाेजकरा पनित्रीका क
                                                                                                    े
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                                       नि�बंाध प्रकाश� मं होमं सहोयोगु देेते राहोंगुे।
                                                                                        शुभाेच् छेु,

                                                                                    (श्रीी प्रशांत कु ु मारा कु ु� वंरा)
                                                                                   े
                                                                                     क्षत्रीीय प्रमुख-गुवंाहाटी
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