Page 43 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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              एका बाेटीी काी हिनास्वााथ� संेवाा (अप� परिरावंारा परा आधारिराते)



                                                                 लेगुी, बंहो� ससुरााले चलेी गुई । निकसी � पीछे मुड़ेकरा �हों देेखा ।
                                                                                                 े
                                                                                             े
                                                                         ं
                                                                                                          े
                                                                                                      े
                                                                                े
                                                                 जबं �ंदेा की उम्रा बंढ़� लेगुी औरा सभाी लेोगु शादेी क बंारा मे पुछे� लेगुे,
                                                                                                                े
                                                                 तेो वंहो मुस्क ु रााते होुए कहोतेी,‘मेरा परिरावंारा की निजम्‍मेदेाराी � इते�ा व्यस्ते
                                                                            े
                                                                                                          े
                                                                                        े
                                                                                                                े
                                                                 राखा निक कभाी खुदे क निलेए वंक्त �हों निमलेा । लेनिक� खुश होँ� निक मं� उन्हों
                                                                               े
                                                                                                  े
                                                                 एक अच्छेा जीवं� जीया । अबं समझ मं आ गुया थाा निक सच्ची खुशी
                                                                 अप� परिरावंारा की सवंा करा� मं होी होै । उस� अप�ी निजम्‍मेदेाराी नि�भााई,
                                                                                                 े
                                                                                     े
                                                                     े
                                                                               े
                                                                                                  े
                                                                 औरा उसकी शादेी �होी करा� का फीसलेा उसक निलेए आत्मसंतेोषा औरा
                                                                                     े
                                                                                          ै
                                              संुश्रीी चंंद्रकुला क्षत्रीी  गुवं� का कारार्ण बं�ा ।
                                                            े
                                                 प्रबंंधकु (ए/एचं)
                                                                                                 े
                                                                                                     े
                                                                 �ंदेा , अबं 50 वंषा� पारा करा चुकी थाी, उस� अप� जीवं� को समनिप�ते
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           'म� अप�ा जीवं� सवंा मं लेगुाया, कोई साथा �हों आया, कोई यादे   निकया। उसक फीसले से परिरावंारा मं एक �ई उम्‍मीदे जागुी। छेोटी भााई की
                                                                               े
                                                                         े
                                                                            ै
                                                                                                             े
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           �हों करागुा । मगुरा मेराी आत्मा जा�तेी होेै, मं� अप� परिरावंारा से बंहोुते प्रम   शादेी बंड़े-धूप-धाम से होुई । कई मौसम आय औरा चले गुय  । समय
                                                             े
                                                                                                          े
                                                                                                  े
                                                                                                             े
                                                                        े
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           निकया-निबं�ा निकसी शते क, यहोी मेरा जीवं� की सबंसे बंड़ेी जीते होै ।'
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                                                                 नि�कलेतेा गुया, पतेा होी � चलेा, कबं वंहो पतेझड़े क कराीबं पहोुंची।  समय
                                                                                                    े
                                                                                                    े
                                                                                           े
                                                                                                       े
                                                                                                 े
                                                                                                े
                                                                                 े
           यहो कहोा�ी �ु�माटीी, गुुवंाहोाटीी मं राहो� वंालेी बंहोदे             क साथा भााई क देो बंटी बंड़े होो� लेगुे औरा लेगुावं
                                      े
                                            े
           सुन्देरा लेड़ेकी �ंदेा की होै,जो अप� परिरावंारा की                    उ� देो बंच्चं परा होुई । निफीरा बंच्चं की निशक्षा की
                                     े
                                                                                                     े
                                                                                                             े
                                                                                                                ँ
                                                                                             े
                                                                                                         े
           निजम्‍मेदेाराी  नि�भाा�  क  कारार्ण,  अनिवंवंानिहोते  राहोी,          बंाराी आई । इते� वंषां मं सारा रिराश्ते-�ाते, मा औरा
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                          े
           जो वंहो अप� परिरावंारा से बंहोुते प्यारा करातेी थाी।                  बंहो�ं तेक का भाी ख्याले �हों आया निक परिरावंारा
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                               े
                                                                                       े
           �ंदेा  एक  समझदेारा  औरा  परिराश्रृमी  लेड़ेकी  थाी।                  मं एक बंटीी की शादेी बंाकी हों । शायदे कभाी-कभाी
                                                                                                               े
                                                                                    े
                                                                                                  े
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           �ंदेा एक ऐसीे लेड़ेकी क रूप मं बंड़ेी होुई, निजसक                     अप� सुख औरा खुशी क अलेावंा देूसरां क सप�  े
                                                                                        े
                                                                                                े
           ऊपरा अप�ी बंहो�ं औरा एक भााई की निजम्‍मेदेाराी                        क ु छे माय� �हों राखते ।
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                                           े
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           थाी। उसक मातेा-निपतेा होमेशा उन्हों सीखाते था निक                     �ंदेा मौसम क अंनितेम पड़ेावं परा थाी। देपर्ण� को
                                                                                           े
                                       े
           जीवं� मं सबंसे जरूराी चीज होै एक-देूसरा का साथा                       देेखकरा मुस्काराते होुए आज भाी मौसम बंदेले� की
                                                                                             े
                                                                                                                 े
           औरा मदेदे देे�ा ।
                                                                                 प्रतेीक्षा मं, समझ मं आया कोई निकसी का �हों
           �ंदेा एक कम्‍प�ी मं सनिवंस� होोल्डरा थाी औरा उसका                     होोतेा, निफीरा सबं अप�ी-अप�ी निजंदेगुी मं लेौटी गुए
                                                                                  े
           सबंसे बंड़ेा सप�ा थाा निक वंहो अप� परिरावंारा को                     था ।
                                     े
                                            ं
                                                              े
                                                 े
                             े
                े
           एक बंहोतेरा जीवं� देे सक, तेानिक उसकी बंहो� अच्छे स्क ू ले मं पढ़ सक
                                                                                               े
                                                                                                            े
                                                                                          े
                                                                                     े
                                      े
                                                े
           औरा उसका भााई भाी बंड़ेी उम्‍मीदें क साथा अप� सप�ं को पूराा करा   भागुवंा� गुर्णेश की तेस्वंीरा क साम� अप� म� मं कहोा- "मै� जीवं�भारा
                                                                        े
                                                                 परिरावंारा क निलेए जीया । आज कोई पास �हों होै, मगुरा देुख �हों। मेराा
                                                े
                                                   े
                                          �
             े
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                                                          �
           सक । �ंदेा क निपतेा एक कम्‍प�ी से रिराटीायड होो चुक था । रिराटीायड निपतेा
                                                                               े
                                                                                          े
                                                                                                      े
                                                                   �
           का पंश� बंहोुते होी कम थाा औरा इसनिलेए वंहो कभाी भाी उ�का बंोझ �हों   कतेव्य थाा- औरा मं� नि�भााया । मं� अप�ा जीवं� सवंा मं लेगुाया, कोई  े
                                                                 साथा �हों आया, कोई यादे �हों करागुा । मगुरा मेराी आत्मा जा�तेी होेै, मै�
                                                                                          े
           बंढ़ा�ा चाहोतेी थाी ।
                                                                                                    �
                                                                                                            े
                                                                                                     े
                                                                              े
                                                                                  े
                                                                     े
                                                                 अप� परिरावंारा से बंहोते प्रम निकया-निबं�ा निकसी शते क, यहोी मेरा जीवं� की
           �ंदेा का कनिठ� समय तेबं आया, जबं उसे अप�ी बंहो�ं क साथा-साथा भााई  सबंसे बंड़ेी जीते होै ।"
                                                   े
           क निशक्षा का भाी ध्या� राख�ा पड़ेा औरा साथा होी बंहो�ं क निजम्‍मेदेारिराया  ँ
                                                    े
            े
           भाी नि�भाा�ी पड़ेी । जबं शादेी की बंाते आयी, कई रिराश्ते भाी आए, परा        *****
                                       ं
                                                    े
                  े
           परिरावंारा क चलेते होरा बंारा उसे टीाले निदेए गुया ।
                       े
           निपतेाजी क जा� क बंादे, उस� मा की सवंा शुरू करा देी । भााई की सनिवं�स
                                े
                                   ँ
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