Page 16 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
                                                                                                       2025-26







                      ं
                                                                                              ु
                    सा  तक  धरोहर  का  सर ण   ह दी  भारतीय             तकनीक   और   ड जटल  यग  म  मह    ड जटल

                                           ं
                        ृ
                                                      ै
                     ं
                    स  त  और  परंपराओं  को  दशाती  ह।  इसक  े           टफॉम पर  ह दी कटट क  माग तजी स बढ़ रही
                        ृ

                                                                                                    े
                                                                         े
                                                                                                 ं
                                                                                                         े

                                                                                        ं

                                        ं
                                                                                              ं
                                                                        ै
                             े
                                                                                                  े
                    मा म  स  लोककथाए,  पौरा णक  कथाए  और               ह।  सोशल  मी डया  और  इटरनट  पर   ह दी  का
                                                        ं
                    क वता  जैसे  सा ह  क   प   को  पीढ़ी  दर  पीढ़ी       ापक उपयोग हो रहा ह।
                                                                                           ै
                                ै
                    सजोया गया ह।
                     ं
                    जनसपक और  ावसा यक मह   ह दी भारत म              न ष

                         ं
                                           े
                                                         ै
                    सबस  अ धक  बोली  जान  वाली  भाषा  ह,  जो
                        े
                                                                                      ं
                                                                               े
                                                                    ह दी  भाषा  कवल  सवाद  का  मा म  नह ,  ब
                                                          ु
                     ापार,   श ा  और  सामा जक  सवाद  का  म
                                                ं
                                                                                                          ै
                                                                   भारतीय स  त और परंपरा क  वाहक भी ह। समय
                                                                               ृ
                                                                            ं
                                                        े
                    मा म  ह।    ीय  बाजार   और   ामीण       म
                               े
                            ै
                                                                                                        ै
                                                                     े
                                                                   क  साथ   ह दी  का    प  बदलता  जा  रहा  ह,  ल कन
                                                                                                           े
                     ह दी का मह  और भी बढ़ जाता ह।
                                                ै
                                                                   इसका मह  कभी कम नह  होगा। हम   ह दी भाषा को
                    सा ह   और   ान  क   भाषा   ह दी  म  सम
                                                           ृ

                                                                          े
                                                                                           े
                                                                   बढ़ावा दना चा हए और इसक  वकास म योगदान दना

                                                                                                             े
                                                           े
                    सा ह  क परंपरा ह। तलसीदास,  मचद, महादवी
                                       ु
                                    ै
                                                 े
                                                    ं
                                                                                  े
                                                                                                         ृ
                                                                   चा हए  ता क  आन  वाली  पी ढ़या  भी  इस  सम   भाषा
                                                                                              ँ
                                             ँ
                              े

                    वमा  जस  लखक   क   रचनाए   ह दी  सा ह   को
                            े
                          ै
                                                                   क   सदरता  को  समझ  सक।   ह दी  कवल  एक  भाषा

                                                                        ुं
                                                                                                  े
                    गौरवा  त करती ह। यह भाषा  ान और  श ा क  े
                                     ै
                                                                                             ै
                                                                   नह , ब   भारत क  आ ा ह। यह दश क   व वधता
                                                                                                   े
                                               ै
                     सार म अहम भ मका  नभाती ह।
                                  ू

                                                                                         ै

                                                                   म  एकता  को  दशा ती  ह  और   व   म  भारत  क

                    अ भ     का  सरल  मा म   ह दी  भाषा
                                                                   सां  तक  पहचान  को  मजबत  करती  ह।   ह दी  क े
                                                                                                       ै
                                                                        ृ
                                                                                             ू
                                                  े
                    भावनाओं और  वचार  को सहजता स    करन      े
                                                                                            े
                                                                   मा म स हम न कवल अपन अतीत को सर  त कर
                                                                                                       ं
                                                                            े
                                                                                   े
                             ै
                    म स म ह। इसका सरल और सटीक   प इस         े

                                                                   सकते  ह ,  ब    अपने  भ व   को  भी  सश   बना
                    सवाद क  लए उपय  बनाता ह।
                     ं
                          े
                                              ै
                                    ु
                                                                        े

                                                                   सकत  ह।   ह ी  भाषा  का  इ तहास  और   वकास  एक
                                                        े
                    रोजगार और  श ा का साधन  ह दी भाषा क  ान
                                                                                ै
                                                                   जीवत    या ह।
                                                                       ं
                                   े

                                                       े
                               े
                    स रोजगार क अनक अवसर उपल  होत ह। यह
                     े
                                                ै
                                                      े
                     श ा का एक  मख मा म भी ह  जसस  ामीण
                                   ु
                                                                                                 डॉ अ ण कमार राणा
                                                                                                       ु
                    और शहरी दोन   े   म  लोग लाभा  त होते ह ।                        सय  महा बधक (प रयोजना)
                                                                                                 ं
                                                                                        ुं
                                                                                              े

                                                                                     लखनऊ   ीय कायालय, हडको
                                                                                                                 16
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