Page 13 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास न
2025-26
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आध नक काल सम सा ह
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ह दी सा ह म एक अ तीय धरोहर ह। कबीर,
19व शता ी म ह दी को दवनागरी ल प म मा ता
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तलसीदास, मचद, महादवी वमा जस महान लखक
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मली और इसका ापक चार- सार आ। भारत क
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और क वय न ह दी सा ह को सम कया ह। ह दी
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त ता क बाद, 14 सतबर 1949 को ह दी को भारत
सा ह म सामा जक, धा म क और सा तक वषय
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क राजभाषा क प म ीकार कया गया। तभी स े
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पर आधा रत अनक रचनाए उपल ह।
हर साल 14 सतबर को ह दी दवस मनाया जाता ह। ै
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19व और 20व शता ी म आधु नक ह दी ने एक
ा कता
व त प लया और इसे सा ह , श ा,
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प का रता तथा शासन म ापक प स अपनाया
ह दी भाषा क ा कता इसक सबस बड़ी
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गया। आज ह दी न कवल भारत क राजभाषा ह, ै
वशषता ह। इसका अथ यह ह क ह दी म श जस
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ब यह व भर म करोड़ लोग ारा बोली और
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तरह स लख जात ह, उसी तरह स उ ा रत भी होत ह।
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समझी जाती है। य द आप ह दी भाषा के इ तहास,
इससे ह दी भाषा को समझना और सीखना आसान हो
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वकास और इसक भाव क बारे म अ धक जानना
जाता ह।
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चाहत ह, तो यह लख आपक लए बहद उपयोगी रहगा।
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व वधता म एकता
भारत म ह दी क कई बो लया बोली जाती ह, जस े
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अवधी, ज, भोजपरी, राज ानी आ द। य सभी
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बो लया ह दी क व वधता को दशा ती ह। इस व वधता
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क बावजद ह दी परे भारत म एक सामा सवाद का
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मा म बनी ई ह।
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आध नकता और तकनीक अनकलता
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ह दी न आध नक तकनीक क साथ भी खद को
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अनक लत कया ह। अब इटरनट, सोशल मी डया और
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क टर तकनीक म ह दी का उपयोग तजी स बढ़ा ह। ै
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गगल, माइ ोसॉ और अ कप नय न ह दी म
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सवाए दान क ह जसस ह दी और भी सश हो गई
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ह दी भाषा क वशषताए ँ
सरलता और सहजता
ह दी एक सरल और सहज भाषा ह। इसक ाकरण
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और श ावली को समझना आसान है, और यह लोग
क बीच सवाद का एक सहज मा म बनती ह। ह दी
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क सरलता ही इस जन य बनाती ह।
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