Page 11 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
               2025-26








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                                                                                          ँ
                                 ह दी भाषा का मह  और  वशषताए
                                                                      ै
                                                     ं
                                                        ृ
                                     “ ह ी भारतीय स  त क  आ ा ह"- कमलाप त   पाठी'
                 ह ी भाषा  वशाल जनसमह क  भाषा ह जो सीमाओं
                                                  ै
                                       ू
                                     ै
                    ं
                  े
                क बधन तोड़कर, आज व  क  र पर अपनी पहचान
                                     े
                            ै
                         ै
                                                   े
                बना रही ह। वस तो,   क भाषा क   वशषता होती ह  ै
                              े
                              े
                 क वह     क  वचार  और मनोभाव  को    एव       ं
                                       े
                 भावी   प  स      करन  का  एक  मा म  होती  ह ै
                            े
                ल कन   ह दी  भाषा  क   क तपय   वशषताए,  उस  अ
                  े
                                               े
                                                   ँ
                                                        े
                भाषाओं स अलग और खास बनाती ह।

                         े
                  ं
                                    ँ

                ससार म  जतनी भाषाए बोली जाती ह उनक   न  त

                                         ु
                                     ु
                                                         ै
                स ा  ात नह  ह  क  अनमान  कया जाता ह  क

                  ं
                                               ु

                                       ँ
                3,000  क  लगभग  भाषाए  ह।  व तः  भाषाओं  क
                        े
                        ं
                 न  त स ा बताना असभव ह    क यह वही बता
                                      ं
                                           ै
                सकता  ह  जो  सारी  भाषाओं  को  जानता  हो  और  एक
                        ै
                भाषा  स  दूसरी  भाषा  क  अ र  स  प र चत  हो।
                                                 े
                                      े
                        े
                वग करण  से   कसी  व ु  के   अ यन  म   सहायता
                 मलती  ह।  ससार  क   भाषाओं  क  वग करण  क  कई
                                                        े
                            ं
                        ै
                                            े
                आधार हो सकते ह ,  क ु भाषा- व ान क      से दो
                                                                                               ै
                                                                   भाषा क  उ    समाज स होती ह और उसका  वकास
                                                                                         े
                                े
                            े

                ही आधार मान गय ह :-
                                                                   भी समाज म ही होता ह।  ारं भक पाठ माता ही पढ़ाती

                                                                                      ै
                                                                    ै
                                                                                   े
                                                                   ह,    क ज  क बाद  जतना सबध उसस होता ह,      ै
                                                                                                 ं
                                                                                                  ं
                                                                                                         े
                          ू
                 1. आक तमलक                                        उतना  समाज  के    कसी  और   ाणी  से  नह ।  इस लए
                      ृ
                                                                       े
                                                                                                          े
                 2. पा रवा रक                                      उसक  ऋण  या  आभार  को   ीकार  करन  क   लए
                                                                                                        े
                                                                                                         ै
                                                                   मातभाषा  श   का   योग  कर   दया  जाता  ह।     क   त ु
                                                                       ृ
                                                                    जस भाषा को वह  सखाती ह वह समाज क  ही सप
                                                                                                            ं
                                                                                           ै
                           े

                                                 ृ
                 ह दी भाषा दश क करोड़  लोग  क  मातभाषा ह |  ह दी
                              े
                                                                   ह  जस वह  य उसन अपनी माता स  ा  करता ह।     ै
                                                                                                   े
                                                                         े
                                                                                 ं
                                                                                      े
                                                                    ै


                 व   म  सबस   ादा  बोली  जान  वाली  भाषाओं  म  स े
                                            े
                            े
                                                                   अतः समाज को छोड़कर भाषा क  क ना हो ही नह
                एक ह।  ह दी भारत क अलावा नपाल, गयाना,    नडाड
                     ै
                                 े
                                                 ु
                                          े
                                                                   सकती।
                                                           े
                और टोबगो, सरीनाम,  फजी और मॉरीशस आ द दश
                             ू
                        ै

                                ै
                म भी बोली जाती ह।  ह दी और नपाली एक ही  ल प म
                                           े

                                 े
                 लखी जाती ह – “दवनागरी”।  ह दी भाषा उ ारण पर
                आधा रत है इसका अथ  है  क यह जैसे बोली जाती है,
                                     ू
                                          े
                                  ै
                  ै
                   े
                                                       ं
                                                           े
                                               ु
                वस ही  लखी जाती ह | गगल क अनसार अब इटरनट
                पर भी  ह दी का ब त उपयोग होने लगा है।  पछले कु छ
                समय  म    ह दी  के   वेब  पोट ल  अ धक  बने  ह   तभी  से
                     े
                                 े
                इटरनट पर  ह दी न अपनी छाप छोड़नी  ारंभ कर दी
                 ं
                ह।  अनक  वबसाइट  रोजाना   ह दी  भाषा  म  बन  रह  ह
                  ै
                           े

                      े
                                                           े
                तथा   ह दी  उन  सात  भारतीय  भाषाओं  म  स  एक  ह ै

                                                      े
                                                  े
                                                े
                                े
                 जसका उपयोग वब यआरएल बनान क  लए  कया
                                    ू
                          ै
                जा सकता ह |
                                                                                                                      11
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