Page 8 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
                                                                                                       2025-26

































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                                                                                                        े
                                                              े
                                                                                            े
                                                                                                             ु
                               े
                                                                                 ु

                "आवास   न" क सातव अक को  ह ी पखवाड़ा क दौरान आप सभी सधी पाठक  क सम  रखत  ए मझ                   े
                                                        े
                अ त  स ता हो रही ह। यह प  का न कवल हडको क   व वध ग त व धय  का   त ब ब ह, ब   यह
                                                                                                     ै
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                                  ै
                एक ऐसा मच भी ह जहा हम अपनी  वकास या ा, नवाचार , और सामा जक सरोकार  को साझा करत ह।
                हडको  का  मु   उ े   है  -  आवास  एवं  शहरी  इ ा   र   े   म   समावेशी  एवं   टकाऊ   वकास  को
                        े

                बढ़ावा  दना।  इस   दशा  म  स ा  न  बीत  वष   म  उ खनीय  काय   कया  ह।  भारत  सरकार  क    मख
                                                                                      ै

                                                                                                             ु
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                                                                  े
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                                                                                  ृ
                योजनाओं जस  धानम ी आवास योजना,  ाट  सटी  मशन तथा अमत योजना म हडको क  भ मका
                                                                                                          ू
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                     ं
                अ त मह पण रही ह।

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                                                                                                           े
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                                                                                 े
                हडको कवल भवन  नमाण या  व  पोषण तक सी मत नह  ह, ब   दश क करोड़  नाग रक  को बहतर
                                                                                     े
                                                               े
                                                                                     ै

                                                                           ं
                जीवन, सर  त आवास और एक    पयावरण दन क  लए सक  त ह। इसी भावना को  ह ी भाषा
                                                                 े
                                                                   े
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                क मा म स हमारी प  का "आवास   न" म भी  ान  मलता ह। यह भी हष का  वषय ह  क हडको म

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                                                                                                   ै
                                                                             ै
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                काय स  त क क  म राजभाषा  ह दी को  वशष मह   दया जाता ह। हम मानत ह  क य द  कसी भी दश
                                                                                                             े
                                                           े


                       ं
                                                                                                       ै
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                क  वकास क  भाषा अपनी मातभाषा म हो, तो वह अ धक  भावशाली, सहज और  ापक होता ह। "आवास
                  न" इस सोच को मूत   प देती है।
                                                                                       े
                                                                                                   े
                                                                                                          ं
                                                                                           ँ

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                                                     ं
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                                             ं
                म इस अक क सभी लखक , सपादक मडल और अ  सहयो गय  को बधाई दता  ,  ज  न इस अक को
                                                                                 े
                                                                                                        ु
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                                                                                                     े
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                                                                                          ै
                                     ं
                पठनीय,  ानवधक एव  रणादायक बनाया ह। साथ ही, हमारे पाठक  स अनरोध ह  क व अपन सझाव एव              ं

                                                                                         ं
                 वचार हमारे साथ साझा कर , ता क हम इस  काशन को और अ धक उपयोगी एव सम  बना सक। आइए,

                                                                                             ृ
                 मलकर ऐसा भारत बनाए जहा हर     को ग रमामय आवास और जीवन जीन का अवसर  ा  हो।
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                                                                                         े
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                   ु
                 शभकामनाओ ं स हत,
                                                                                            शलश  काश   पाठी
                                                                                               े
                                                                                              ै

                                                                               व र. कायकारी  नदशक (राजभाषा)
                                                                                                े
                                                                                                                 8
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