Page 44 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
P. 44

आवास   न
                                                                                                       2025-26






                             हडको का शानदार सफर : एक  रक या ा
                                                                                   े

                                                                                                         े

                                             ं
                           ु
                         े
                                      े
                                                                                     े

                “लोग चाह म ी भर ह , ल कन सक वान ह , अपन      े     हडको को 2002 म श ल-ए पीएसईम अप ड  कया
                                                                                        ू


                                                                                        े

                                     े
                ल  म  ढ आ ा हो, व इ तहास को भी बदल सकत       े     गया था और 2004 म इस  मनी र  का दजा भी  दया

                                                     े
                                                                                                      े
                                                                                  े
                                          े
                                                                                                    े
                             ँ
                ह “-महा ा  गाधी  तथा  "सपन  वो  नह   होत  जो  सोत े  गया  था।  लोग   क  जीवन  को  बदलन  क   लए  एक
                                                   ु
                                                      ु
                         े
                                            े

                      े
                                     े
                               े
                                                         े
                व  दखन चा हय, सपन वो होत ह जो म रात  ए             अ णी  तकनीक - व ीय  सं ा  होने  क   अपनी
                      े
                                                                                                           ु
                                                                                   े
                जागत  रहन  म  मदद  कर ।"  —  यह  कहावत  हडको  क े  कॉप रेट   वज़न  क  साथ,  हडको  जीवनक   गणव ा

                          े
                                                                                                              े
                                                                        े
                                                                          े

                                                          ं
                                                       े
                                                 े
                                         ै
                              ू
                सफर  को  बखबी  दशाती  ह,   जसन  अपन  सघष,          बढ़ान क  लए  ायी आवास  वकास को बढ़ावा दन       े
                                                                                                     ू
                                                                                                   े
                                                                                ै
                                                                     े
                समप ण और  ढ़  न य से भारत के   वकास के  एक          क  मशन पर ह। हडको को 2002 म श ल-ए पीएसई


                                                                          े

                                                                                                  ै
                बड़े  ह े को साकार  कया है।                         म अप ड  कया गया था और 18 अ ल 2024 म इस       े

                                                                   नवर  का दजा भी  दया गया था।
                  ु
                             ं
                श आत का सघष
                                          ू
                हडको क  श आत एक मजबत मकसद क साथ  ई
                                                    े
                           ु
                                              े

                थी:  भारत  क  कमज़ोर  और   पछड़  इलाक   म   ाई
                           े
                                        े
                 वकास  का  सपना,   जसक  तहत  आवास,  आ थ क
                सश  करण और  ायी  वकास संभव हो सके । यह
                                  े
                          े
                  ं
                स ा अपन  मशन क   त   तब  थी — गरीब  को
                उनक घर का सपना परा करना,  श ा,  ा  और
                    े
                                    ू
                उ ोग के   े  म  नए अवसर पैदा करना।
                  ु

                श आती  दौर  म  चनौ तय   का  सामना  करना  पड़ा,
                                 ु
                  ं
                ससाधन  क  कमी, तकनीक  अ तन  क  छटपटाहट
                और जाग कता क  कमी जैसी सम ाएँ  असं  थ ।
                                                          े
                                                     े
                ल कन हडको न कभी हार नह  मानी। इसक पीछ था
                              े
                  े
                      ु
                एक जनन और सपना — करोड़  भारतीय  क   ज दगी
                        ू
                बहतर बनाना।
                  े
                                  ं
                हडको क   ापना कपनी अ ध नयम 1956 क अधीन
                                                      े


                25 अ ल, 1970 को "द हाउ स ग एड अबन डवलपमट
                                                     े
                      ै
                                             ं
                                                    े
                फाइन   कॉप रेशन   ाइवट   ल मटड"  क  नाम  स   े
                      े
                                                े
                                        े
                             े
                                       े
                                ं
                     े
                 ाइवट   ल मटड  कपनी  क   प  म  क   गई  थी,   जस े

                कपनी  पजीकरण  अ धकारी,   द ी   ारा   नगम
                         ं
                  ं
                 माण-प    दान   कया  गया  था।  तदुपरांत,  हमारी
                  ं

                                                           ं
                कपनी का नाम बदलकर वतमान नाम "हाउ स ग एड
                अब न डेवलपम ट कॉप रेशन  ल मटेड" कर  दया गया
                और 9 जलाई 1974 को त ालीन कपनी पजीकरण
                                               ं
                        ु
                                                      ं
                अ धकारी,   द ी  व  ह रयाणा   ारा  नया   माण-प
                                     े
                जारी   कया  गया।  इसक  बाद   दसबर  9,  1996  को
                                              ं
                                                        ं
                कपनीअ ध नयम  1956  क   धारा  4ए  क  अतगत
                                                     े
                  ं

                                          ं
                कपनी  मामला   वभाग,   व   म ालय,  भारत  सरकार
                  ं

                                       ं
                                              ं
                                                     े
                 ारा  सावज नक   व ीय  कपनी  स ान  क   प  म
                                             ं
                                                    ु
                      ू
                अ धस चत  भी   कया  गया।  तदुपरात,  31  जलाई  2001

                             े
                                  ं
                को एनएचबी न हम पजीकरण  माण-प   दान कया

                 जसम हम आवास  व ीय स ा का  ापार करन क
                                        ं
                                                          े

                    ु
                अनम त दी गई थी।
                                                                                                                      44
   39   40   41   42   43   44   45   46   47   48   49