Page 42 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास न
2025-26
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धा म क, सा तक और आयव दक कोण
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'भ व पराण म आता ह क 'जो छाया,
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भारतीय स त म व क पजा क जाती रही ह। प
फल और फल दनवाल व का रोपण करता ह ै
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पराण म पल जी भी जी स कहत ह क "व
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या माग म तथा दवालय म व को लगाता ह वह
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प हीन प ष को प वान होन का फल दत ह । इतना
अपने पतर को बड़े-बड़े पाप से तारता है और
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ही नह , व अ धदवता प स तीथ म जाकर व
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रोपणकता इस मन लोक म महती क त तथा
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लगानेवाल को प ड भी देते ह । अतः भी ! तुम
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शभ प रणाम को ा करता ह तथा पवकालीन
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य पूव क पीपल के वृ लगाओ । वह अके ला ही तु
और भावी पतर को ग म जाकर भी तारता ही
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एक हजार प का फल दगा।
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रहता ह ।
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व क आरोपण म वशाख मास एव
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पीपल का पड़ लगान स मन नरोग व धनी
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अशभ ह। आषाढ, ावण तथा भा पद य भी
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होता ह ।
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पलाश स हातज, खर स आरो व नीम स आय ु
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अ पराण म आता ह क 'द ण म गलर और
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क ा होती ह ।
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प म म पीपल का व उ म माना जाता ह। ै
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नीम लगानवाल पर भगवान सय स होत ह ।
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लगाये ए वृ को ी काल म ातः-सायं, शीत
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चदन और कटहल क व मशः प और ल ी
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ऋतु म म ा के समय तथा वषा काल म भू म
दन वाल ह ।
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क सख जान पर स चना चा हए ।'*
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च ा सौभा - दायक ह । इसी कार अ ा
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व भी यथायो फल दान करत ह । अतः ोबल वॉ म ग क सम ा का हल करना
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जो लोग व लगात ह उ (परलोक म) त ा हो, पया वरण क सर ा करनी हो, अपनी धरती व
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ा होती ह और जो व व गोचर भ म का उ द परलोक सवारना हो, आ थ क लाभ पाना हो...
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करत ह उनक 21 पी ढ़या रौरव नरक म पकायी कसी भी स दखा जाय तो व का रोपण,
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जाती ह । सर ण-सवधन ज री ह और हर का
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व धपवक व का रोपण करन स ग-सख कत ह ।
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ा होता ह और रोपणकता क तीन ज क े
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पाप न हो जात ह ।
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"पड़ लगाओ – जीवन बचाओ।"
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अजय कमार शमा
बधक (स च.-रा.भा.), हडको
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