Page 40 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास न
2025-26
सास हो रही कम – आओ पड़ लगाए हम
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भ मका
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आज हम वकास क दौड़ म इतनी तजी स भाग रह ह
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क भल गए ह—हवा म साँस लन लायक ऑ ीजन
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भी होनी चा हए। शहर स लकर गाव तक क ट क े
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जगल बढ़त जा रह ह और ह रयाली घटती जा रही ह। ै
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प रणाम प, वायु दूषण का र खतरनाक होता
जा रहा ह। ऐस म यह आव क हो गया ह क हम सब
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मलकर पड़ लगाए, ता क हमारी सास बची रह। पड़-
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पौध नह ह ग तो जीवन असभव ह। यह कोई क ना
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नह , ब कठोर स ह। व ारोपण कवल एक
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पया वरणीय काय नह , ब मानवता के लए
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पनजा गरण का अ भयान ह। वतमान समय म दूषण,
जलवायु प रवत न, सूखा, बाढ़ और बढ़ती बीमा रयाँ
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इस बात का सकत ह क हम क त क साथ अपन े
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र को फर स मजबत करना होगा – और इसक
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श आत व ारोपण स होती ह।
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व का ब आयामी मह :
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पयावरणीय सतलन म योगदान: व काबन
डाइऑ ाइड को अवशो षत कर ऑ ीजन
उ करते ह । एक प रप वृ तवष
लगभग 120 कलो ाम CO₂ अवशो षत कर
सकता है।
जलवाय नय ण: व छाया दान कर ानीय
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तापमान को नय त करत ह। व क जड़ वषा
का जल सोखकर भजल र को बनाए रखती ह।
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जव व वधता क र ा: एक व अनक जीव-
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जतओं, प य और क ट का घर होता ह। इनक े
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मा म स पा र तक त सत लत रहता ह।
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म ी का सर ण: व क जड़ म ी को बाध कर
कटाव से बचाती ह और भू म क उपजाऊता
बनाए रखन म सहायक ह।
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ा और मान सक शा त: व क उप त
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मान सक तनाव, च ता और अवसाद को कम
करती है। शु वायु, ठं डी छाया और ह रयाली
मानव शरीर को ाक तक च क ा दती ह।
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