Page 36 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
                                                                                                       2025-26









                                      म हला  दवस एक यादगार  दन


                                                                                                           ं
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                                                                      ँ
                  ै
                                               ं




                वस तो हर वष हडको 08 माच को अतरा ीय म हला           प च गई। सभी बस वह  पर खड़ी थी। म बस न.01 म

                 दवस  का  आयोजन  करता  ह।  पर   इस  बार  का        बठ गई। तीन  बस जब म हलाओं स भर गई तो एक-
                                                 ु
                                                                     ै

                                          ै
                                                                                                 े
                                                    े
                म हला  दवस हम सब म हला का म क  क  लए एक            एक  करके   सभी  बस   अपनी  मं जल  क   ओर  बढ़ने
                                         े

                                                                                        े
                                                                                          े
                                                                                                          ं

                                                    ृ
                यादगार  दन बन गया। जो हमशा हमारी   त म बना         लगी।  रा ा  ल ा  होन  क  कारण  बस  म  अता री
                                             े

                                                                     े
                                                                                                              ं
                रहगा। 08 माच, 2025 को हडको न पहली बार म हला        खलन  का   ान  बनाया  गया  जो  हम  सबको  पसद
                   े
                                                                        े


                क म क   और  हडको  म  कायरत  प ष  का म क   क        आया। हमारी बस म  सबसे पहले रजनी बाला मैडम ने
                                              ु
                               े
                प  य   को  उनक  द नक  काय   स  म     दलाकर         गान  क   श आत  क   और  उसक  बाद  तो  एक-एक
                                  ै
                                                                             ु
                                                                                               े
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                अरावली  ह  फाम  हाउस ले जाने क  पहल क । उस         करके  सभी अंता री म  इतने मगन हो गए  क  कसी
                                       े

                 दन क  कछ याद म आपक साथ साझा करना चाहती            भी  टीम  क   बारी  हो  गाना  दोन   टीम  ही  गा  रही  थ ।
                         ु

                            ु

                 ।  म  ब त  खश  थी   क  कल  का   दन  कवल  अपन े    अता री क   व डयो भी बनाई गई और वा सअप  प
                  ँ
                                                                                                              ु
                                                                     ं
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                                                                       े
                 लए जीन का ह, जो करना ह, अपन  लए करना ह। घर        म भजी गई। दूसरी बस  स भी अता री क   व डयो  प
                                                                                              ं
                                                         ै
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                                                                       े
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                क    ज दा रय   स  एक   दन  क   छ ु  ी।  जान  स  एक  म  भजी  जा  रही  थी।  ल ा  रा ा  कब  ख   हो  गया


                 दन  पहल  वा सअप   प  बनाया  गया  और  म हला        पता ही नह  चला और हमारी बस अरावली  ह  फाम
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                                                                                                   ं

                                                                                                           े
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                                                      े
                 दवस  स  सब धत  सारी  जानकारी   प  म  भजी  गई।     हाउस पर प च गई। फाम हाउस म अदर गट क पास


                अगले  दन सुबह से ही  ुप म  लगातार मैसेज आ रहे थे   र ज र  म   एं  ी  करवाकर  हमारे  हाथ  म   ब ड  बाँधा,
                                                                                 े
                                 े
                हर कोई अपन आन का समय बता रहा था कोई कह             वलकम    क  स   ागत   कया  और  ना ा  करन  क  े
                                                                                                             े
                                                                     ै
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                                                                                     ँ
                                                                                                      ं
                रह  है   क  अभी  मै ो  म   ह ,  पांच  दस   मनट  म   प ँच   लए कहा गया। जहा पर हमन ना ा एव दोपहर का
                जाएग।  कसी न कहा  क हम सब  मलकर ब त मज       े     भोजन   कया  था,  उस  जगह  क   दीवार   पर   म ी  क
                    ं
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                                                         े
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                कर ग, तो  कसी न मसज  कया  क बस हडको क गट           पताई  क  साथ-साथ   खड़ कय   क  चार   ओर  सफद
                                                                     े
                                                                        े
                                                                                                  ँ
                तक प ँच गए ह । आज एकदम अलग तरह के  मैसेज           ग  स  डज़ाइन बनाया  आ था जो गाव क  याद  दला
                पढ़ने  म   ब त  मजा  आ  रहा  था।  म   भी  सुबह  ज ी  रहा था ।
                            ं
                                 ै
                तयार होकर इ डया हबीटट स र क गट न. 01 पर
                  ै
                                     े
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