Page 39 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
               2025-26








                     े
              ं
 च  स झाकत भाव
         े
















































                                                            ुं
                                                          "धध म  दशा"
                                                          े
                                                                            ै
                           े
                                                                                              े
                                                                 े

                                                                                 ुं

                यह प सल स बनाया गया चारकोल  च  एक दौड़त  ए घोड़ को दशाता ह, जो धध और तफ़ान क बीच भी अपनी  दशा
                                                                                        ू


                म ग तशील ह। इस  च  म घोड़ क  ऊजा, आ  व ास और  त ता क  भावना साफ झलकती ह।  बना रंग  क            े
                                                                                                   ै

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                                                                             ुं
                                                                                   ृ
                                                                                       ू
                                                                          ै
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                                                                                                         ु

                मा म स भी इसम जो गहराई ह, वह दशक को भीतर तक छ ू  जाती ह। धध क  प भ म मानो जीवन क  चनौ तया       ँ
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                हो,   जनस  जझता  यह  घोड़ा  आशा  का   तीक  बन  जाता  ह।  यह  रचना  न  कवल  स दय  ह,  ब    यह  साहस  और

                                                                 ै
                                                                                           ै
                आ श   क  मौन अ भ    भी है।
                                                  "न थम, न झक, बस चलता रहा,
                                                         े
                                                               े
                                                             ु
                                                              े
                                                                           ु
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                                                " धध म भी उसन अपना रा ा चना..|

                                                                                                 े
                                                                                                      े
                                                                                                   ं
                                                                                            डॉ. वदात दव गरीकर
                                                                                        प   ी सतोष दव गरीकर,
                                                                                                      े
                                                                                                 ं
                                                                                          ु
                                                                                  ु
                                                                                ं
                                                                                            ं
                                                                               सय  महा बधक (आई.टी.), हडको
                                                                                                                 39
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