Page 37 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास न
2025-26
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हमारा प रचय तीन कोच स करवाया ज न उस दन
हम अलग-अलग तरह क रोचक ग त व धयाँ
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करवाई। हम सब कोच क साथ एक ाउड म एक त
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ए। कोच ने अपना प रचय देते ए फाम हाउस क
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वशषता बतात ए कहा क यह चार ओर स अरावली
क सबस परानी पहा ड़य स घरा आ ह और ब त ही
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बड़ी जगह पर बना आ ह। कोच न हम सबको कहा
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क सब एक बड़ा राउड बनाकर खड़ हो जाए और एक-
एक करके अपना नाम बताएं । उसके बाद कहा गया
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क चार-चार का प बनाकर एक दूसरे स ब दास
अपने मन क बात कहो और पूछो क आपको ा
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अ ा या बरा लगता ह। अलग तरह क ग त व धया ँ
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तरह बाक म हलाओं न भी ाई साइ ग का परा
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करन म हम ब त मजा आ रहा था। कोच मडम छोटी-
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लु फ उठाया और दोपहर क भोजन क लए चल गए।
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छोटी ग त व धया करवान क लए हम नीच मदान म
हमने जपलाइन का भी पूरा आनंद लया। उसम भी
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लकर आई जहा पर दोन तरफ स र ी पकड़कर
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ब त ऊचाई स हम सब म हलाओं को एक-एक करक े
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बलस बनाकर एक-एक कदम आग बढ़ाना और नट
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ब बाधकर परी सर ा क साथ आग र ी पर भजा
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पर चढ़कर धीरे-धीरे आगे बढ़ने के लए कहा गया ऐसे
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गया जो ब त अ ा लगा। जपलाइन करन क बाद
ही और भी कई तरह क ग त व धया करवाई गई जो
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हम थक गए और आराम से बैठ गए।
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हम मन लगाकर परे उ ाह स पण करन म लग ए
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थोड़ी दर बाद कोच मडम न कहा जो क ग पर जाना
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थ। मझ ाई साइ ग क बारे म पहली बार वह
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चाहत ह तो चलो। ब त म हलाओं न क ग का भी
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पता चला, जो मरे लए एकदम नया अनभव था। ाई
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लु फ उठाया। फाम हाउस म हमन रेन डास का भी
साइ ग क लए पहल सीढ़ी चढ़कर ब त ऊपर
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मजा लया। डीज पर बा रश वाल गान का बजना और
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जान क लए कहा गया वहा पहल स ही मौजद ाई
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म हलाओं का गाना सुनकर रेन डांस करना मन को
साइ ग करवान वाला हर एक म हला को
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ब त ही लुभा रहा था। सब अपनी म ी म डास कर रह े
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पहल अ स ब बाधता और साइ कल क ऊपर
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थ। कसी को कोई फक नह पड़ रहा था क हम कसा
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बठन क बाद उस ब को साइ कल स भी जोड़ रहा
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डास कर रह ह या कोई हम ा कहगा। कई म हलाओं
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था। ाई साइ ग एक कनारे स दूसरे कनारे तक
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न अपनी पसद का गाना डीज पर लगवाकर डास
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एक र ी पर सीधे-सीधे आगे क ओर चलने के बाद
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कया। जन म हलाओं न डास नह कया उ न ताली
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वापस वह आई जहा स हम साइ कल पर चढ़ थ। बना
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बजाकर उन म हलाओं का उ ाह बढ़ाया। रेन डास क े
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डरे मन ाई साइ ग का परा आनद लया। इसी
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बाद सब न चाय ना ा कया । परा दन फल मजा
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करन क बाद शाम को जब हम वापस आन क लए
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बस क ओर बढ़ रहे थे तब कोच ने सबको एक-एक
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प फोटा दकर वदा कया और कहा क आज आप
सबके साथ हम भी ब त अ ा लगा। आप सबको
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म हला दवस क ब त-ब त शभकामनाए। परे दन
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क मौज-म ी को अपनी आख म बद करक हम
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अपनी पहले वाली दु नया म वापस जाने के लए बस
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म बठ गए। एक दन क लए द नक काय स म
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दलाकर नई जगह ल जान क लए हडको बधन का
ब त-ब त ध वाद।
डौली जोशी
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बधक (आई.टी.), हडको
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