Page 32 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
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                                                ्ቚक त : एक सौगात
                                                     ृ

















                                                                                                     ृ
                                                   ू

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                                                                                                         े
                सरज क  पहली  करण, तार  क  छाव, धप क  गम ,          पानी उपल  कराती ह। इस  कार,  क त क  कसी

                रात  क   शीतलता,  चाय  क   गमाहट  और  ब  च   क     भी  अ   त   क   तरह  ही  पानी  मानव  जा त  क े
                                                    ु

                                                                                       ू
                                                                                                     ै
                  ू
                फल  सी  खल खलाहट - हर  दन   या कछ नह  ल      े     अ     म एक बड़ी  भ मका   नभाता  ह,  ल कन  हम
                                                                                                        े


                आता हमारे  लए छोटी छोटी बात, जो वाकई म इतनी        उन   ाकृ  तक  संसाधन   को  खतरे  म   डाल  रहे  ह
                                                                                             ै
                                                     े

                                                                          े
                                                        े
                                                                                    ु
                भी छोटी नह  होत । हमारे जीवन को सजान क  लए          ज  न हम इतना कछ  दया ह।
                                                                                        ै
                                                                                          े
                इनम  से हर एक चीज को ब त मेहनत से तैयार  कया        व भ  न  स  यताओं  म  वस  भी  परंपरा  ह   क त  का

                                                                                                         ृ
                                                                                                      ै
                                े
                                                                                                   े

                                                     ं
                                                                              े
                                                                            े
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                                                                                                           े
                  ै
                ह  द  य श  य  न और इनम स कछ भी सयोग नह ।           ध  यवाद दन क  - खत  म फसल  क  लए, पड़  पर
                                                    ं
                                         ु
                                                      ु
                                   े
                य उपहार ह शि  तय  क अदभत सम  वय, सतलन और           फल  के   लए, भोजन के   लए, बा रश के   लए। भारत
                  े

                                                                                   ं
                                                                                     ं

                सहजता  के ।  सो चए,  उमस  भरी  गम   म   अचानक  से  म प गल, मकर स ा त, लोहड़ी,  ब , छठ जस  त –
                                                                                                          े
                                                                                                        ै
                                               े
                 ं
                ठडी  हवा  का  छ ू   जाना    या  बस  ऐस  ही  हो  जाता  ह?  R;  है,  तो  अमे रका  म   Thanksgiving  Day,  जापानी
                                                            ै
                                   े
                                                                                      ु
                  ृ
                                                                              े
                प  वी क  ग त, सरज क ताप,  व ान और भगोल एक          नई  फसल  क   लए  शकराना  करत  ह  Niinamesai
                               ू

                                                                                                 े
                                                     ू्
                                             ै
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                झ क क  लए इतना सब साधती ह  क त। तो   य  न          (नीनामेसाई)  से,  तो  य  दय   के    रवाज  म   Sukkot
                       े
                    े
                इसके    लए  शुकराना  अदा   कया  जाए  -  कृ त ता    (सुकोट)। आइए, इसी परंपरा को आगे बढाएं  और कह
                                                                                                              ै
                                                                     ु
                                                                            ृ
                                                                                                         ू
                                                                                           े
                                  े
                जताई जाए उन सबक  लए, जो हम  मल रहा ह। इस           श  या  प  वी  जो  आप  अपन  ए  स  पर  घमती  ह  ।
                                                         ै

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                शकरान म ही  छपा ह असली आनद।                        यह ग त ना होती, तो जीवन थम जाता। न  दन होता
                                  ै

                                             ं
                       े
                                                                                         ू
                                                                                                      ै
                                                                   और  न  रात।  धरती  का  घमना   तीक  ह  जीवन  क
                   ृ
                                      ृ
                                                          ृ
                 क त  का  मतलब  ह   ाक तक  दु नया।  हमारी  प ी
                                  ै
                                                                    नरंतरता का और इस बात का  क व  त कभी थमता
                                        े
                                                      े
                जल,  म ी, हवा, पहाड़, पौध और जानवर  स बनी ह। ै
                                                                   या थकता नह ।
                                                     ै
                प ी हमारे सौरमडल का एकमा   ात  ह ह  जस पर
                  ृ
                               ं
                        ै
                                   े
                जीवन  ह  और  इसक   लए  उपय   जलवाय  ह।      ै
                                                         ु
                                               ु
                पया वरण, वातावरण और जलवायु  कृ  त के  घटक ह ।
                 कृ  त  म   सजीव  और   नज व  दोन   तरह  क   चीज
                                                         ं

                               े
                शा मल  ह  और  य  सभी  चीज  इसका  अ भ   अग  ह।

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                                      े
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                                                      ृ
                स   जीव  जस  छोट  स  छोट  जीव  भी   क त  का
                                                         ु

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                       ू

                मह पण   ह ा  ह।  प ी  पर  जीवन  अनकल
                                      ृ
                 ाक तक प र   तय  क कारण ही सभव ह।
                                     े
                                                    ै
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                  ृ
                प ी  क   सतह  पर  पानी  झील ,  झरन ,  तालाब   और
                न दय  के   प म  भी मौजूद है। झील  का उपयोग मु
                 प  से  जलमाग   के    प  म   प रवहन  के    लए   कया
                जाता ह। न दया हम मीठा पानी  दान करती ह। न दया ँ
                             ँ


                      ै
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                        े
                पहाड़   स   नकलती  ह  और खत  क   स चाई  क  लए

                                                                                                                 32
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