Page 27 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास न
2025-26
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कछ उपयोगी सझाव
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कीय सरकार क म ालय / वभाग और
अ खल भारतीय तयोगी परी ाओं म मा ही
कायालय म ही म वीण तथा ही का
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माम क व ा कर दना ही पया ¹ नह होगा
कायसाधक ान रखन वाल सभी र पर
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इनम अ जी क अ नवायता समा¹ क जाय ।
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अ धका रय और कम चा रय के लए ही म
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श ण स ान म श ण दन का माम
काम करना अ नवाय बनाया जाय तथा ही म
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ही और अ° भारतीय भाषाओं को बनाया जाय े
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कय गय काम को उनक न ादन स जोड़ा जाय ।
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लोग क यह आम धारणा ही नह ब þ आज
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सवा म आन पर प रवी ा काल म ही ही, ही
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वा वकता ह क अ जी सीखन स रोजगार क े
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टाइप और ही आश ल प म श ण दन का
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अवसर खल जात ह । सरकार अगर नौक रय म
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काम परा कर लन क अ नवाय व ा क
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अ जी क अ नवायता समा¹ कर द तो अ जी
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जाय ।
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क त लोग का मोह अपन आप कम हो जायगा ।
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नय मत और प ाचार दोन व धय क अतगत
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रा क एकता और अख\ता क लए, भाषायी
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ही श ण अ जी क बजाय ाद शक
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सरचना और सामज क लए यह आव क ह ै
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भाषाओं क माम स दया जाय इसस अ जी का
क दवनागरी को सभी भारतीय भाषाओं को
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वच तः कम होगा और ही तथा अ°
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लखन क लए राजभाषा ल प क प म
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ाद शक भाषाओं का वच और योग न त
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अपनाया जाय । इसम सभी भारतीय भाषाओं को
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प से बढ़ेगा ।
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लखन क मता ह । दवनागरी ल प क माम
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स सभी भारतीय भाषाओं का ल¿तरण कया जा
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सकता ह और उ¶ सीखा भी जा सकता ह । इसस े
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सभी भाषाए ही क करीब आयगी। उनका
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हलो
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आपसी आदान दान और सवाद बढ़गा। रा ीय
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एकता तथा अख\ता सु ढ़ होगी ।
राजभाषा वभाग ारा तवष जारी वा ष क
काय म को और अ धक ावहा रक और
काया ±यनशील बनाया जाय । साथ ही काय म
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क काया±यन और नधा रत ल क ा ¹ क
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सही और वा वक त क मॉ नट र ग
गïीरतापूव क क जाये ।
जहां तक सभव हो भा षकता क त तर तमाही ग त रपोट प म स अनाव क और
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समा¹ क जाय। आव क होन पर अ ही भाषी अ ावहा रक मद को नकालकर इस ससदीय
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को अ जी क बजाय सब धत राB क राजभाषा स म त क नरी ण ावली और
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राजभाषाओं म अनवाद उपलÖ करान क म ाकन रपोट प क अन प बनाया जाय े
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व ा क जाय । ता क ही म हो रह काम-प वहार, ट¼ण
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व र कायपालक /शासना धका रय को ही और मूल काय को इसम ठीक ठीक दशा या जा
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का योग बढ़ान, उपलÖ ससाधन का ही म सक। साथ ही इसी रपोट स नरी ण ावली
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काम करन क लए सम चत उपयोग करन और क व भ¥ कालम का भरा जाना स न त हो
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राजभाषा नयम का अनपालन स न त करान े सक। वमान तमाही प म अ जी म ा¹
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तथा नधा रत ल को परा करन क लए प को दशा ने के लए कोई कालम नह है ।
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गत तौर पर जवाबदेह बनाया जाये इसक ही कायशालाओं का आयोजन कवल
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सम चत मानीटरी क जाय । औपचा रकता परी करन क लए न कया जाय। े
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ली और उ+ श ा का माम अ जी क इनम राजभाषा नी त क जानकारी देने के साथ-
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बजाय- अ नवाय प स ही और अ° भारतीय साथ ही म काम करन का मखता स अãास
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भाषाओं को बनाया जाए । कराया जाये ।
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