Page 28 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
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                     ह ी   दवस/ ह ी  पखवाड़ा  आ द  का  आयोजन        जनता  जानती  ह,  म  सरकारी  कामकाज  करक  परा

                                                                                 ै
                                                                                                           े
                                                                                                              ू

                                                                                            ं
                           े
                                                     े

                                          े
                    उ व  क   प  म  न  करक  आ    व षण  और           नह    कया  जा  सकता  ।  अत  म,  दश  का   वकास
                                                                                                   े
                                                        े

                     ह ी   योग  क      त  क   समी ा  करक  उस े     राजभाषा   ह ी  को  सही  अथ   म  अपनाकर  ही  हो
                              े
                                                                           ै
                                           े
                                                      े
                                                                                           े
                                 े
                                     े
                    आग  बढ़ान  क  उ    स   कया  जाय   जसम           सकता ह । भाषा का मह  कवल सरकारी कामकाज
                       े
                                                         े
                    वा  वक  उपल  य   क   समी ा  क   जाय  और        क   न ादन  तक  सी मत  नह   ह।  भाषा  कवल
                                                                                                            े
                                                                     े
                                                                                                   ै
                     नधा रत ल   ा  करन क  लए कार वाई क             अ भ     क   ही  नह   हमारी  सं ृ  त  क   भी
                                          े
                                             े

                                                                              ै
                                                                                                         ं
                        े
                                                                                    े
                                                                                                           ृ
                    जाय ।                                          प रचायक ह । इसस हमारा रा ीय गौरव, सा  तक


                    कायपालक    ारा   ह ी  म   लखी  जान  वाली       अ  ता और आ स ान  ापक तौर पर जुड़ा  आ
                                                       े

                                                                    ै
                                           ं
                                                                                         ं
                                       ं
                    छोटी-छोटी   ट  णया  यहा  तक  क    ह ी  म       ह । दश क  सामा सक स  त और उसक सवागीण
                                                                                           ृ
                                                                                                       े
                                                                        े

                                                                            े
                                                                                        े


                    ह ा र भी कमचा रय  को  ह ी म काम करन      े      वकास  क   लए  हम   वदशी  भाषा  पर   नभर  नह   रह
                            े
                                                े
                    क  लए   रत और  ो ा हत कर ग ।                   सकते । हम  अपनी रा भाषा/राजभाषा  ह ी को हर
                     े

                                                                                                        ू
                                                                     े
                                                                                                  ं

                                                                                      ं
                                                                      म रा ीय तथा अतरा ीय हर मच पर परी  न ा
                                                                   और आ  व ास क साथ  ढ़तापवक  ा पत करना
                                                                                    े
                                                                                               ू

                                                         ं
                                         ु
                                 े
                                                            ै
                                                 ु
                भारत  व  का सबस बड़ा,  ब  और स ढ  जात  ह ।
                                                                   होगा । यही हमारे  लए गौरव क  बात होगी ।
                 जातं  म  हमेशा जनता को मालूम होना चा हए  क
                                         ै
                दश क  सरकार  ा करती ह,  ा सोचती ह । जनता
                                                      ै
                  े
                                                         े
                               े
                                   ु
                क  आकां ाओं क अन प और उसी क  सलाह स सब
                                                    ै
                काम होना चा हए । इसक  लए यह ज री ह  क जनता
                                    े
                                   ं
                और  सरकार  का  सबध  ब त  करीब  का  रह  ।  इस े                                       बी.एल. शमा
                                  ं
                                                       े
                 वदशी भाषा, अ जी,  जस दश क  कवल 2   तशत                     सहायक महा बधक (रा.भा.)- स. न., हडको
                                                                                         ं
                              े
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                                                                                                       े
                             ं
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                                                                                                                 28
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