Page 33 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
               2025-26




















































                          ू
                                                                                          े
                                                                           ु
                  ु
                                                                                े
                                                                          ं
                                                                                       े
                शकराना सरज का,  जसका हर आसमान म चमकना              जीव-जतओं  क  मन  स  लकर  मौसम  तक  सब  पर

                  े
                                                                                              ै
                                                 े
                कवल खगोलीय घटना नह , मानवता क  लए वरदान             कसी न  कसी हद तक पड़ता ह Lunar Effect । चाँद
                                  े

                                                          ै

                ह। इसक   करण ही पड़ – पौध  को अपना खाना तयार        क   चादनी  रात   म  उसक   रौशनी  दखकर  हमारे
                                                                                                     े
                                                                         ँ
                  ै
                                                                                                         ै
                करने क  ताकत देती ह । सूरज क  वजह से ही Orbital    आदश   और  सपन   को   ो ाहन   मलता  ह,   जसस  े
                                                                                                               ै
                Stability  है  हमारे  सोलर   स  टम  म ,   जसम   धरती  हमारी  उ ीद   का   तीक  चाँद  हम    रत  करता  ह।

                                                                                                    े
                    े
                                         े
                समत  सभी   ह  एक-दूसरे  क  साथ  सम  वय  म  रहत े   प  वी  हो,  सरज,  चाद  या   फर  कोई  और   ह-उप ह,
                                                                     ृ

                                                                             ू
                                                                                   ं
                          े

                 ए सहारा दत ह एक-दूसरे को।                         न  -तारा  सब  ह   अपने  म   ताकतवर  और   वि
                            े
                                                                          े
                                                                   ऊजा  स भरे  ए। इसक बाद भी इनक  श  य   मल-
                                                                                     े

                                                                                               े

                                                                            ूं
                ध  यवाद  च मा,   जसन  रात  को  भी  इतना  खबसरत     जलकर य काम करती ह,  जसस हम हर रोज जीवन
                                    े
                                                          ू
                          ं
                                                       ू
                                                                     ु
                                                                                              े
                                             ं
                                              े
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                                        े
                बना  दया। चाद क  वजह स ही अधरा कभी परी तरह         का  अनमोल  उपहार   मलता  रह।  इनको  पहचान  कर
                                                       ू
                अपना क  जा नही जमा पाता। सूरज से रोशनी का कु छ     और इनका शुकराना कर हम उन श  य  को महसूस
                कतरा लेकर खुशी-खुशी हम पर   योछावर कर देता है      व आ  मसात कर सकते ह । तो अगली बार जब बा रश
                          े
                                                                                                      े
                चाद।  उसन  स दय   राहगीर   को  रा  ता   दखाया  और  क   बद   स,  हवा  स,  सबह  स  या  शाम  स  सामना  हो,
                  ं
                                                                                           े
                                                                                   े
                                                                                      ु
                                                                            े
                                                                        ूं
                धरती का बैल स बनाया। अपनी धुरी पर थोड़ा-सा झुक      क हएगा- ध  यवाद।
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                                           े
                प  वी को Axial Stability चांद स ही  मलती ह। ै
                                                                                               प ण मा कोहलीवाल
                                                                                                ू
                                                                                          ं
                                                                                  व र  ठ  बधक (स च.-रा.भा.), हडको
                                                                                                                 33
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