Page 69 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास न
2025-26
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जहा तक, एआई ा त का भारत पर भाव का सवाल
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ह, जहा सारी दु नया क दश भा वत ह ग तो वह भारत
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भी भा वत होगा। रोज़गार क अवसर पर असर पड़
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सकता ह, सोशल मी डया उपयो ताओं को डीपफक
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जसी चनौ तय का सामना करना पड़ सकता ह, ै
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व भ न कलाओं क मा हर लोग को एआई ारा चद
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सकड म न म त कलाका रय स दो-चार होना पड
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सकता है, नजता के अ धकार पर संकट खड़ा हो
सकता ह, एआई तकनीक का कशलता स योग
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करने वाले लोग सामा य उपयो ताओं के मुकाबले
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यादा और ज दी अमीर होन लगग जसस अमीरी
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और गरीबी क खाई चौड़ी हो सकती ह, लोग एआई
तकनीक पर इस क नभ र होने लग गे क खुद क
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सोचन-समझन क श ीण होन लगगी और
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इसान रोबोट म बदलन लगगा।
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म एक बात व वास क साथ कह सकता क भारत भारत का अत र व ान सोन का अडा दन वाला
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दु नया म एआई का सबस मज़बती स सामना करेगा बन सकता ह। भारत खा ा न क उ पादन क े
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और इस आपदा म अवसर क तरह लकर 2047 तक मामल म अ णी दश ह जो दु नया क एक बड़ी
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भारत को वक सत रा बनान क ल य को ा त जनस या का पट भरन क का ब लयत रखता ह, भल े
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करेगा। भारत दु नया म सबसे युवा देश है जो तकनीक ही दु नया एआई क दु नया म रहगी, ल कन खायगी
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को आ मसात करन क मामल म बहद सजग ह। एआई तो ाक तक खा ा न ही।
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तकनीक वै क पया वरण के संकट को दूर करने म
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अहम भ मका नभायगी जसस भारत को सबस े एआई वतमान एव भ व य क स चाई ह, इस हम
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अ धक लाभ होगा य क भारतीय अथ यव था क ष जतनी ज दी वीकार कर ग उतनी ज दी इसका
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पर आधा रत ह और क ष ही सबस यादा भा वत हो सामना करन या उसका लाभ उठान क लए तयार
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रही ह। वा य क म भारत को व व म डकल ह ग। भारतीय स यता एव स क त दु नया म सबस े
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क पटल कहा जाता ह, वक सत और वकासशील उ क ट ह जस एआई क भाव स कल कत नह होन े
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दश क लोग स त एव सटीक इलाज क लए भारत दना ह। वसधव कट ु बकम क परंपरा को आग बढ़ात े
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आते ह । मे डकल े म एआई के उपयोग से सबसे ए, एआई क फ़ायद को छोट-बड़ दश तक प चाना
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यादा लाभ भारत को ही होगा। भारत म खनन , ह। हमारे वद, पराण एव उप नषद आ द सदव हमारे
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रोजगार एव आ थ क वकास क मामल म बहद मागदशक रह ह, आध नकता क साथ इनक अनसरण
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उपयोगी है और इस े म एआई तकनीक से नई-नई स हम भारत को व व पटल पर था पत रख सकत ह।
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एवं ब मू य खदान और तेल एवं गैस क खोज क भारत क सबस बड़ी ताक़त दु नया का सबस बड़ा
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जा सकती ह जसस भारत का नसीब बदल सकता ह। ै उपभो ता बाज़ार होना ह जसम उतरन क लए
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सरकारी एवं नजी े म एआई तकनीक से दु नया क एआई श याँ भारत को साथ लकर चलन े
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उ पादकता म व होगी, इसस होन वाली आ थ क क लए त पर ह गी। दु नया म एआई को इसान का
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बचत को जनक याण म लगाया जा सके गा। अंत र वक प बनान क हर को शश क जाएगी, ल कन
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व ान क मामल म भारत दु नया क अ णी दश म हम इसे अपना एवं र त का वक प नह बनने देना
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शा मल ह, हर साल दु नया क कई दश क सटलाइट ह। एआई को वरदान बनाना ह, अ भशाप नह ।
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अत र म भजता ह और मगल एव चाद पर पदापण क े
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साथ-साथ सय क बहद करीब जाकर अ ययन कर
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रहा है। इस े म , एआई तकनीक के योग के बाद - सनील भटानी ‘ ा ’
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राजभाषा अ धकारी, रा ीय बागवानी बोड
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