Page 64 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
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                                                                                        े
                                                                                         े
                                                                                           े

                                                                                                  ै
                कर रही थी, पर ता रणी का मन को कह  दूर भ व  म       हज़ार-हज़ार  पए तक दन क  लए तयार ह। अगर हम
                अनजानी  ऊचाइय   पर   वचरण  कर  था।  सबको   वदा     आपके   हाथ  से  बने   खलौने  ऑनलाइन  बेच   तो  न
                          ँ
                                                े

                                                                                                         े
                                 े

                                                                     े
                कर ता रणी झट-स अपनी दादी जी क कमरे म गई।           कवल आपक  कला को  सा रत कर सकग, ब

                                                                                                          े
                           े

                                                                                              े
                दादी जी, मन आपक  दए उपहार क  लए जो अपश             हम अ ा लाभ भी कमा सकत ह। ता रणी न अपना
                                             े
                                 े
                 योग  कए, उनके   लए मुझे  मा कर दी जए। आपक          वचार       कया।  पर  त ,  य   ापार  का  झझट
                                                                                                             ं
                                                                                               े
                भावनाओं,  आपक   कला  का   तर ार  करना  मरी         असान नह  है। हमारे घर म   कसी को इसका अनुभव
                                                           े
                                                                                                      ू


                                                                           ु
                                                                        ै
                           ू
                ब त  बड़ी  भल  थी।  ता रणी  क   आख   म   ा न  क े   नह  ह। तम अभी ब त छोटी हो और म बढ़ी हो रही  , ँ
                    े
                                           े
                                               े
                                                  े
                         ू
                                       े
                       ँ
                           े
                स   आस  दख  दादी  जी  न  उस  गल  स  लगा   लया।     हम ये कै से कर गे?
                                                        े
                 फर दोन  बड पर बठकर उपहार  क  बात करन लग ।
                                 ै
                          े

                आपको  पता  है  दादी  जी,  मेरी  सभी  सहे लय   को   दादी  जी,   ापार  करन  क   कोई  उ   थोड़ी  होती  ह, ै
                                                                                       े
                                                                                    े
                                                                               ै
                                                     ँ
                                          ं
                               ं
                आपका  बनाया  हस  ब त  पसद  आया।  यहा  तक   क       आव कता ह तो कवल  ढ़  न य क । हम दोन  को
                                                                                             े
                               े
                                                                                                 े
                                                                                               े
                पायल  तो  आपस  एक  बड़ा-सा  भालू  भी  बनवाना        इस  क ठन  डगर  पर  सहयोग  दन  क   लए  एक  साथी
                                                    े
                                                                                                              े
                                                      ू
                                 े
                       ै
                                                                                     े
                                                                       ै
                                                                                           ु
                चाहती ह। ता रणी न बताया। अ ा? उसस पछना  क          भी ह - ए-आई। कहत  ए तरंत ता रणी न अपनी जब
                                                                                                      े
                                      ू

                                                                                        े
                तना बड़ा चा हए। म तो परा  दन खाली बठी रहती  , ँ     स  फोन   नकला।  अब  य  ए-आई  भला  कौन  ह?  इस े
                                                   ै
                                                                                                           ै
                                                                     े

                                                                                ु

                                                ँ
                भालू  तो  म  एक-दो   दन  म  ही  बना  दूगी।  एक-दो  ही   ापार का अनभव ह  ा ? दादी जी न  सर खजलात े
                                                                                                    े
                                                                                                          ु
                                                                                     ै
                               े
                                                                                                    े
                                                                         ू
                 दन  म  ?  और  य  हस  और  बाक   जानवर  बनान  म      ए  पछा।  ए-आई,  यानी  क  म  मधा  एक  ऐसी
                                                          े
                                                                                            ृ

                                 ं
                आपको  कतन  दन लग थ?                                तकनीक ह, जो क टर  को इसान  क  तरह सोचन       े
                                                                                     ू
                                                                                  ं
                                                                             ै
                             े
                                      े
                                    े
                                                                                             ं
                                                                   और  सीखन  क    मता  दती  ह।  इ   मन    क    े
                                                                                           े
                                                                                                         ु

                                                                              े
                                                                                               ै
                                                                      ु
                                                                            े
                                                    े
                य तो बस एक  दन का काम ही था। य छोट आकार क   े      अनभव   क  आधार  पर  ही  तयार   कया  जाता  ह।  यह
                                                                                            ै
                                                                                                           ै
                                                े
                  े
                 खलौन बनान म अ धक महनत नह  लगी। दादी जी            हमारी मदद करेगा। आप देखते जाइए। ता रणी ने फोन
                                        े
                       े

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                                                    ु
                न   ार  स  बताया।  ता रणी  मन  ही  मन  कछ  गणना    म  ए-आई  क   ऐप  खोली  और  उसम  कहा,  म  अपनी
                                                                                           े
                                                                                                   ु
                करन लगी। "मतलब आप एक महीन म कम                दादी जी क साथ  ो शए स बनी व ओं का  ापार
                                                                            े

                     े
                                                      े

                  े
                                  े
                स  कम  बीस   खलौन  बना  सकती  ह?  हा,  शायद।  पर   करना चाहती  ँ। हम   ापार का कोई अनुभव नह  है,
                                                   ँ
                                                                                                    ु

                                                                          ु
                                                                                                            े
                         े

                तम  इतन   खलौन   का   ा  करोगी?  वह  म  अभी         ा  तम  हम  एक   ाई   ापार  श   करन  क
                  ु
                                                                                                       े
                                                                                     े
                                   े
                                     े

                बताती   ।  आप  पहल  य  बताइए   क  एक   खलौना       कायनी त बता सकत हो ? दादी जी समझन का  यास
                        ँ

                बनान म आपका  कतना खचा  हो जाता ह? मन ऐस      े     कर ही रही थ   क उ  ने देखा  क ता रणी के  फोन म

                     े
                                                    ै
                                                         े
                                                      ु
                                                         े
                                                                                                    ं
                                                                                                     े
                 हसाब तो नह  लगाया, मरे पास कई नए - परान ऊन        कई   ब दुओं  स हत  एक  लबा-चौड़ा  सदश   लखा  आ
                                     े
                                                                                          ं
                और धागे रखे थे, उ   से बना लेती  ँ। मोटा-मोटा भी   गया।
                    ँ
                जोड़ तो प ीस-तीस या ब त तो पचास  पए। इसस      े
                    ू

                                                                                    े
                अ धक  खचा  तो  नह   आता  होगा।  दादी  जी  न  अदाज़ा  य द खए। ए-आई न  कतनी ज ी हमारी दु वधा हल
                                                         ं
                                                                       े
                                                      े
                                                                     े

                लगाया।                                             कर दी। म इन  ब दुओं को एक कॉपी म  लख लती     ँ

                                                                                                            े
                                                                                                  ु
                                                                                                        े
                                                                                                े
                                                                                                            ु
                                                                   और हम एक-एक कदम ए-आई क सझाव क अनसार

                ता रणी   फर  सोच  म  पड़  गई।  वह  मन  म  बड़बड़ान े  उठाएँ गे।  ता रणी  ने  एक  खाली  कॉपी  म    लखना  शु

                                                                                े
                                                                                     े

                                                                                                        ै
                लगी, बीस  खलौन  क  लागत हो जाएगी एक हज़ार            कया  –  सबस  पहल  हम  यह  तय  करना  ह   क  हम
                                                                                        े
                                                                                             े
                                                                                     ु
                 पए और य द उ   बेचा जाए तो हर  खलौने के  एक         कस   कार  क   व   बचग।  य  तो  हमन  तय  कर  ही
                                                                                           े

                                                                                                     े
                                                                                           े
                                                                          ै
                हज़ार   मल  सकते  ह ,  यानी  बीस   खलौन   के ...बीस   लया ह - हम  ो शए स बन मलायम जानवर बचग।    े

                                                                                        े
                                                                                              ु
                                                                                                            े

                हज़ार ! ता रणी उ े जत हो ज़ोर से बोल पड़ी और बीस      दूसरा, हम पता करना ह  क हमारी तरह और कौन-
                                                                                        ै
                 खलौन  स ही उ ीस हज़ार का लाभ! वह उछल कर            कौन इस  कार क  व ए बच रह ह - उनक  व ओं
                                                                                        ु
                          े
                                                                                         ँ
                                                                                           े

                                                                                                े
                                                                                                             ु
                                                        े
                                                                               े
                बड स उतर कर खड़ी हो  गई और कमरे म चलन लगी।          क    ा   वशषताए  ह  और   ा  दाम  ह।  तीसरा,  हम
                  े
                                                                                   ँ


                     े
                                                                                                     ै
                    े
                                                                             ु
                मझ भी तो बताओ  क तम  ा  हसाब लगा रही हो ?          अपनी व ओं क गण और दाम तय करन ह और पता
                                     ु

                                                                                                      े
                                                                                   ु
                                                                                 े
                  ु
                दादी जी न अपनी उलझन  कट क । दादी जी, आपको          करना  ह   क  हम   चार  क  कौन-कौन  स  मा म
                                                                                          े
                                                                           ै
                                                                                                        े
                         े
                                           े
                         ै
                                                         ै
                पता नह  ह आजकल  ो शए स बनी चीज़  का फशन             अपना सकते ह । चौथा,  कसी थोक  व े ता से बात कर
                                                   े
                                          े
                                                                                                      ै
                दोबारा आ गया ह और लोग ऐस  खलौन  क  लए              धाग  और ऊन क  खरीद क  बात करनी ह। साथ ही
                              ै
                                                                                                                      64
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