Page 59 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
               2025-26






                    ु
                 अनवादक  को  यह  स न  त  करना  होता  ह   क  वह         म  अ      ,     क  मरा  काय म

                                                                                       ँ
                                                                                                    े
                                                      ै
                                   ु

                                                                                        ै

                 ल   भाषा  म   सबसे  उपयु   और  सटीक  श    का          अ    हो गया ह-पनगठन क बाद।
                                                                                                  े
                                                                                          ु
                                 े

                                                                                            े
                 उपयोग  करे।  इसक   लए,  वह  श कोश,  श ावली            म  परेशान   ,     क  मरा  काय म  गड़बड़  हो

                                                                                  ँ
                                                                                       े
                               े
                                                      े
                     े
                                                                            ै
                                                                               ु
                  े
                 डटाबस, और  वशष  सलाहकार  क  मदद लता ह।   ै            गया ह- पनरी ण क बाद।
                3  पनगठन
                    ु

                                                                   अत:  कहना  न  होगा   क  अनवाद  एक  आध नक
                                                                                                           ु
                                                                                               ु
                                                                    ानानशासन  ह  और  इस  एक  खास  उ    स        े
                                                                         ु
                                                                                  ै
                                                                                           े
                                                                                                          े
                                                    ु
                 इस चरण म, अनवादक  ोत पाठ का अनवाद करना
                               ु

                                                                     ु
                                                                            ृ
                                                                                          ै
                                                                                                            ू
                                                      ै
                            ै
                 श  करता ह। यह एक रचना क    या ह  जसम              पनरा व त  कया जाता ह। यह  थमतः और मलतः
                  ु
                                                                               े
                                                                                                      ै
                                                                   उन  पाठक   क   लए  दुबारा  रचा  जाता  ह  जो   कसी
                                   े
                           ू
                                                  ै
                 अनवादक मल पाठ क भाव,  र और शली को बनाए
                    ु
                                                                              ू

                                                                                                     े
                 रखते   ए  एक  नया  पाठ  तैयार  करता  है।  एक  अ ा  रचना  को  मल  भाषा  म  नह   पढ़  सकत।   ाभा वक
                                                                              ु
                                                                                                           ै
                                                                   तौर  पर  अनवाद  का  जो  पाठक  समाज  होता  ह,  वही
                                                े
                                              े
                                     ु
                    ु
                 अनवादक श   का अनवाद करन क बजाय  वचार
                                                                                                       ै
                                                                             ं
                 का अनवाद करता ह। यह स न  त करना मह पण             उसका   नय क  या   नयामक  बन  जाता  ह।  और  वही
                                  ै
                       ु
                                                           ू
                                        ु
                                                                                           े
                                                                                                       ं
                                                                       े
                                                                                       े
                                                                   आग चलकर अनवाद क उ   पर भी  नय ण करन          े
                                                                                  ु
                 ह   क  अनवा दत  पाठ   ाभा वक  लग  और  ऐसा  न
                                                 े
                          ु
                  ै

                                                                                                      ु
                                                                           ै
                                                                                ु
                                                                                                ं
                 लगे   क  यह   कसी  दूसरी  भाषा  से  अनुवा दत   कया  लगता  ह।  अनवाद  म  यह   नय ण  पनरी ण  क  े
                                                                                             ै

                                                                            े
                                                                   मा म  स  काया  त  होता  ह।  इस लए  अनवाद  म
                                                                                                          ु
                 गया ह। अनवादक को वा  सरचना,  ाकरण और
                                           ं
                      ै
                           ु
                                                                                                          ु

                                                                                                      ्
                                                                                          ू
                                                                     ु
                  वराम  च   पर  वशष  ान दना होता ह। ै              पनरी ण अपनी तमाम  नताओं अथात अनवाद म
                                   े
                                           े
                                                                                                              ू
                                                                   प र ार  क   सी मत  गजाइश  क  बावजद  मह पण
                                                                                                     ू
                                                                                               े
                                                                                       ुं
                                                                                    े
                                                                         ै
                                                                   होता ह। पनरी ण क  र पर ही अनवाद अपन ल
                                                                           ु
                                                                                                  ु
                                                                                                           े
                               ू
                4   सपादन और  फरी ड ग
                     ं
                                                                            े
                                                                                            ै
                                                                   को साधन म सफल हो पाता ह। ल  क      स कोई
                                                                                                           े

                  ु

                 पनगठन  क  बाद,  अनवादक  अपन  काम  क   समी ा       अनुवाद  सूचनापरक  है  अथवा  सौ य परक,  यह
                                   ु
                          े
                                              े
                                                                                                        ु
                                                                                                    ै
                                                                     ु
                                                                                       े
                                                                             े

                       ै
                                          ु
                 करता ह। इस चरण म, वह अनवा दत पाठ म  ाकरण          पनरी ण क मा म स स व होता ह। अनवाद एक


                        ु
                    ं
                  ं
                 सबधी   टय , वतनी क  गल तय  और  वराम  च            ग तशील    या है जो भाषा, सं ृ  त और  वषय के

                                                                                             े
                                                                                       ै
                                            ु
                               ै
                                                          ै
                 क  जांच करता ह। वह यह भी स न  त करता ह  क          ान पर  नभर करती ह। यह कवल एक भाषाई काय
                                                                                                          ु
                                                                                         ृ
                                                                         ै
                 अनवाद मल पाठ क साथ मल खाता हो और कोई भी           नह  ह, ब   एक सां  तक और बौ  क पल का
                    ु
                         ू
                                 े
                                        े
                                                                               े

                 जानकारी  छ ू ट  न  गई  हो।  कई  बार,  अनवाद  को  और   नमाण करन का साधन ह। ै
                                                  ु
                                      े
                 बहतर बनान क  लए इस   कसी अ  अनवादक या
                             े
                           े
                  े
                                                     ु
                    े
                                                      ु
                                         ै
                  वशष   को   दखाया  जाता  ह।  यह  चरण  अनवाद  क

                                      े
                         ु
                                                  ू
                  ु
                                    े
                 गणव ा स न  त करन क  लए मह पण ह।     ै
                5   पनरी ण और  वतरण
                    ु

                                  ु
                                                 ं
                 अ तम चरण म, अनवा दत पाठ को अ तम  प  दया
                  ं
                       ै
                                   े
                 जाता ह। इस समी ा क बाद, पाठ को  ाहक को स पा
                 जाता  ह।  इस     या  म  अ र  पाठ  का    प  भी
                       ै

                                         ू
                                                 े
                 शा मल होता ह, ता क वह मल पाठ क समान  दख।   े
                             ै
                 एक  ोफे शनल अनुवादक यह सु न  त करता है  क
                                             ु
                 उनका काम समय पर और उ  गणव ा वाला हो।
                उदाहरण:
                (1)  I  am  upset  because  my  programme  is
                upset.
                                                 े


                    म  अ      ,     क  मरा  काय म
                                    ँ
                                                                                                            ु
                                                                                                 ु
                                                                                                      ु
                                                                                               स मत कमार ग ा
                    अ    ह- अनवाद  ा प
                              ै
                                   ु
                                                                                             श ु  ह  दी अनुवादक, हडको
                                                                                                                 59
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