Page 65 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
               2025-26







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                               ै
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                                                                                                   े
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                                                                                 े
                                                                     ं
                बचन  क   लए  प क   ग  क  सामान  क   ोत  भी  ढूँढन े  अततः  दो  महीन  क  अथक  प र म  क  बाद,  ‘ताना–
                                               े
                                                                                                 ु
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                                                     ै
                ह ग।  और  अत  म  हम  यह   नणय  करना  ह   क  हम     बाना’ क  ऑनलाइन दुकान का शभारंभ दादी जी क   े
                                                                                                 े

                अपना  सामान  कहाँ  बेच गे  -  उसके    लए  ऑनलाइन   एक    क  क  साथ   आ   जसक  बाद  उ   ऑडर

                                                                                े
                                                                           ु
                                                                         े
                                                                                                      ु
                एक  अकाउंट  बनाना  है  और  कु छ  तैयार  व ुओं  क    मलन  श   हो  गए।  “ताना-बाना”  को  सचा    प  स े
                                  े
                                                                                                  ु
                                                                         े
                                                                           े
                                                                                   ू
                फोटो और  व डयो लकर अपनी ऑनलाइन दुकान म             चलान  क   लए  परा  प रवार  एक  जट  हो  गया।  जहा ँ
                                                                                        ु
                                                                                                   े
                                                                                   े

                                                                                                      ै
                डालनी ह। ता रणी न पन नीच रखा और दादी जी क          दादी  जी  ऑडर  क  अनसार   खलौन  तयार  करत ,
                                  े
                                          े
                                    े
                        ै
                                                                                                     ै
                                                                                     ँ
                ओर उ ीद भरी     स दखा। यह तो ब त सारा काम          ता ा और उसक  मा न  खलौन  को पक करन का
                                    े
                                      े
                                                                                        े
                                                                                                            े
                                                                            ँ
                                                                                                            े
                        ै
                                                   े
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                ह। सब कस होगा?” दादी जी न गभीरता स पछा। इसम        दा य   सभाल   लया  और   पताजी  समय   मलन  पर
                                          े
                                                     ू
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                                                                                                े


                भी  ए-आई  हमारी  मदद  कर  सकता  ह  और  म  अपन े    बाज़ार  स  ऊन  आ द  सामान  लान  म  सहायता  करत। े
                                                 ै
                                                                           े
                                                                                    े
                                                                                                े
                                                                               े
                कॉलज क  ा ापक  क  राय भी लूगी। म एक-एक             ता रणी  अपन  कॉलज  क   पढ़ाई  क  साथ  साथ  बाक
                                               ँ

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                                                                         ं
                                      ँ
                 ब दु पर काम श  करती  , आप आराम क रए।” कहत   े     सारा सचालन ए-आई क  मदद स करती।
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                                                                                               े
                                 े
                 ए ता रणी कमरे स जान लगी। पर इतनी सारी बात
                                      े
                                                                                  े

                                                                                                  े
                                                                              े
                म एक बात तो हम भल ही गए। हमारी दुकान का नाम        दखत  ही  दखत  “ताना–बाना”  क   खलौन   क
                                                                        े
                                                                    े
                                  ू
                                                                                  े
                                                                                                            े
                 ा होगा?                                           लोक  यता बढ़न लगी। एक  दन जब कनाडा स एक
                                                                   बड़ा ऑड र आया, तो ता रणी सातव  आसमान पर प ँच
                                             ु
                अरे हा ! इसक सझाव भी ए-आई चट कय  म द सकता

                                                       े
                     ँ
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                                                                   गई।  उसने  ए-आई  से   वदेश  म   सामान   भजवाने  का
                ह।  ता रणी  न  तरंत  फोन  म  टाइप   कया  और  पलक
                              ु
                  ै

                           े
                                                                                            े

                                                                   तरीका  समझा  और  समय  स  पव  ही  ऑडर  परा  कर
                                                                                                          ू

                                                                                              ू
                झपकते  ही  नाम   क   एक  लंबी  सूची  उनके   सामने

                                                                    दया।  कछ  ही  समय  म  उ   इतन  ऑडर   मलन  लग े

                                                                                                े

                                                                          ु
                                                                                                           े
                                                           ु
                                                   ु
                  त  हो  गई।  दादी  जी,  आप  इनम  स  कछ  भी  चन
                                                 े
                    ु


                                                                                        े
                                                                    क दादी जी का उ  अकल परा करना क ठन लगन       े
                                                                                            ू
                                                                                          े
                                     े
                            े
                ली जए,  कहत   ए  उसन  अपना  फोन  दादी  जी  को
                                                                               े
                                                                                   ू
                                                                                                           े
                                                                   लगा। ता ा क  ल क  पढ़ाई भी बा धत होन लगी।
                          ु
                                 ु
                                           ू
                पकड़ाया।  बनक ,  सई-धागा,  सतसाज,  स ह...  नाम
                                                      े
                                                                   ऐसे म  ता रणी ने अपने  वसाय को और  व ार देने
                तो य सभी ब त सदर और अनोख ह। पर मझ सबस        े
                                ुं
                                             े
                                                      ु
                     े

                                                       े
                                                                            ु
                                                                                                      े
                                                                   क  लए कछ ज़ रतमद औरत  को अपन साथ जोड़न         े
                                                                     े
                                                                                      ं
                अ ा  “ताना-बाना”  लगा।  इस  नाम  म  मरी  दोन
                                                      े

                                                                   का  नणय  लया। उसन आसपास क इलाक  म जाकर
                                                                                      े


                                                                                                े
                 ारी- ारी  पो तय   क  नाम  भी    नत  होत  ह।  अरे

                                                       े
                                   े
                                                                   उन म हलाओं से संपक    कया  जनके  पास  सलाई क
                                                     ै

                वाह  !  ‘ताना-बाना’  तो  ब त   ारा  नाम  ह  !  म  अब
                                                                                          े
                                                                   कला  थी  और  जो  घर  बठ  काम  करना  चाहती  थ ,
                                                                                         ै
                चलती  ँ, दादी जी। मुझे “ताना–बाना” क   ापना जो
                                                                     े
                                                                              े
                                                                   ल कन  उनक  पास  कोई  अवसर  नह   था।  ता रणी  न े

                              े
                       ै
                करनी ह ! कहत  ए ता रणी अपन कमरे म चली गई।
                                             े
                                                                   उ  ‘ताना – बाना’ क  खलौन  क उ ादन म शा मल

                                                                                               े
                                                                                     े

                                                     े
                य ए-आई तो सचमच कमाल का ह ! सोचत  ए दादी
                                 ु
                  े
                                              ै
                                                                                           े
                                                                                                          े
                                                                       े
                                                                   होन  का    ाव   दया,   जस  उन  म हलाओं  न  सहष
                जी  ब र पर लट ग ।
                              े
                                                                                                    े
                                                                    ीकार  कया। ता रणी और दादी जी न  मलकर उन
                                            े
                     े
                अगल  कई   दन   तक  ता रणी  न  ए-आई  और  अपन  े     म हलाओं  को    श ण   दया  और  उ     खलौन   के
                                                                               ै

                कॉलज क कछ  ा ापक  क  मदद स ‘ताना – बाना’            नमाण और प क   ग क  तकनीक  सखाई। धीरे-धीरे, य े
                                                 े
                     े
                        े
                           ु
                                                                                          े
                                                                                                         े

                                                                          ँ

                क   ऑनलाइन   ापना  करन  म  जी  जान  लगा  दी।       म हलाए  आ  नभर  बनन  लग   और  अपन  प रवार
                                          े

                                                                                       ु

                                                                                              े
                उसने ए-आई का  योग कर अपनी दुकान का लोगो व          क  आ थ क    त म सधार लान म स म   । ता रणी
                                                                     े
                                                                                  े
                                                                                        े
                बनर  तयार   कए,   ो शए  स  बन   खलौन   क   लए      क  इस   यास  स  न  कवल  उसका   वसाय  बढ़ा,
                       ै
                                                       े
                                             े
                  ै
                                         े
                आकष क  नाम  रखे,  बाज़ार  के    व ेषण  का  तरीका    ब   उसने समाज म  भी एक सकारा क प रवत न

                                                                       े
                                                                                ू

                                                                                    ू
                                  ँ
                                        े
                सीखा और  व  को सभालन क  लए एक  ा प तयार            लान म मह पण भ मका  नभाई।
                                          े
                                                          ै
                                         ु
                                       े
                 कया। ए-आई क  मदद स भगतान और  ा  य  को
                 चा लत करना, चौबीस घट  ाहक  क  सहायता क     े
                                       ं
                                         े
                 लए ए-आई चटबौट का  नमाण करना, समय-समय

                             ै
                पर   चार  के    लए   व भ   तरह  क   रोचक  साम ी

                तयार  करना  आ द   वसाय  क  हर  पहलू  म  ए-आई
                                          े
                  ै
                                 े
                        े
                                   े
                               ं
                ता रणी क साथ कध स कधा  मलाकर खड़ा रहा।
                                     ं
                                                                                                       ु
                                                                                                     सर ा शमा
                                                                                            े
                                                                             व र  शोध  व षक, एस एड पी  ोबल
                                                                                                     ं
                                                                                                                      65
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