Page 66 - आवास ध्वनि - सातवाँ अंक
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आवास   न
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                                                ृ
                                             क  म मधा और भारत
                                                             े

                आ ट    फ शयल  इट लजस  (एआई)   जस  हम   ह दी  म      व  व  क   सव   च  स  थाओं  न  समय-समय  पर  कई
                                                                                     ं
                                                                                             े
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                क  म मधा कहत ह,  जसस   वत: ही   प  ट हो रहा ह ै    ऐसी  तकनीक   वक सत  क   ह  जो  दु नया  को

                                े

                  ृ
                                            ं
                 क ऐसी ब   जो क  म ह और इसान  ारा बनाई गई          च  धयाती  रही  ह।  भारतीय  ऋ ष-म न  परंपरा  म
                         ु
                                      ै
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                                                                                                   ु

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                ह।  इस  ब    क   नमा ण  म  इसान  क   भ मका  ह, ै     यान-योग-साधना  क  मा  यम  स   व  व  ही  नह ,
                  ै
                                                                                      े
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                भगवान  क   नह ।  यहाँ  इंसान  ही    ा  बनकर  एक      ांड म  कह  भी घ टत  ई या भ व  य म  घ टत होने
                                                                               े

                ऐसी सृ   क  रचना करना चाहता है जो उसी के  इशारे    वाली  घटना  क  बारे  म  सटीक  जानकारी  द  दी  जाती
                                                                                                        े
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                पर  चल।  आज  का  इसान  आध नक  तकनीक   क     े      थी।  शरीर  क   एक  न  ज़  को  टटोल  कर  शरीर  क े
                                            ु
                                                          ै

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                                 ं
                मा  यम स मशीनी इसान (या न रोबोट/मशीन) तयार           वा    य क  हालत को बता  दया जाता था।    य  या
                कर भगवान को चुनौती देते  ए  दखाई दे रहा है।   ा    अ   य  ही ल   ग क मा  यम स बीमार शरीर को   व  थ
                                                                                  े
                                                                                            े
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                जी क  रचना (इसान) क म    क स उ  प  न एआई           कर   दया  जाता  था।  ब म  य   ान  क   पो थय   को
                              ं
                                     े
                                                                                          ू
                तीन  लोक  पर  वजय  ा  त करेगा या भ  मासर बन        पढ़कर म    क म समा  लया जाता था। इस कलयग
                                                      ु
                                                                                                              ु


                                                                            े
                                                                          े
                                                                     े
                                                                                     ु
                                                                                                  ु
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                कलयग क अत क  न व रखगा, यह सवाल भ व  य क     े      स  पहल  क  तीन   यग   म   ए  महाय    म  इ  तमाल
                                                                                                            े
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                गभ म प  त हो रहा ह। ै                               कए  गए  तीर  (वतमान  म   ज  ह   मसाइल  या





                                                                     ापा     कहा  जाता  ह)  अ भम  त  कर   कट   कए
                                                                     े
                                                                                              ं
                                                                                       ै
                                                                         े
                भारतीय  स  यता  और  स  क त  इस  प  वीलोक  पर       जात थ। स  पण प  वी को न  ट करन क   मता रखन   े
                                                                       े
                                                  ृ
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                                                                              ू
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                                                                                  ृ
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                सबस   ाचीन  ह।  भारतीय  स  यता  सतयग,   तायग,      वाल    ा     (जो क  वतमान  क  परमाण  या

                                                   ु
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                                                                       े
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                                                                                                   े
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                 ापरयग क कालच  को परा कर कलयग म  मण                हाइ ोजन  बम  स  भी  कह     यादा   वनाशकारी  थ) े
                      ु
                         े
                                                                                  े
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                कर रही है। भारतीय स  यता एवं सं  कृ  त क  न व वेद ,  भारतीय  स  यता  म  मौजद  रह  ह।  कलयग  म    तीय



                उप नषद   और  पुराण   म   व ण त   ान  पर  मज़बूती  से   व  वय   क  दौरान  जापान  क   हरो शमा  और
                                                                              े
                                                                                                े
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                 टक   ई ह। भारतीय  ान परंपराओं का अ  ययन कर        नागासाक  म परमाण बम  व  फोट  ए  जसका
                                                                                                                      66
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