Page 51 - पूर्वांचल - गुवाहाटी क्षेत्रीय कार्यालय की पत्रिका
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                        अतीरा�ष्ट्ीय योगु हिदेवासं : स्वाय काो जानानाा संभी ज्ञााना काी शुरुआती है
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           21 जू�, 2025 को अंतेरााष्ट्रीीय योगु निदेवंस क अवंसरा परा कायालेय  निवंशेषा अनितेनिथा योगुाचाय� निवं�य नितेवंाराी जी � सभाी कम�चारिरायं को
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                                                                                                   े
           परिरासरा मं ‘योगु का एक देशक-शाराीरिराक, मा�निसक औरा आध्यानित्मक  योगु क महोत्वं से अवंगुते करााया औरा एक घांटी की सामूनिहोक योगु सत्री
                                                                     े
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           कल्यार्ण क निलेए वंनिश्वक आंदेोले� ‘ निवंषाय परा एक काय�म का  का संचाले� निकया । इस सत्री मं तेाड़ेास�, बंज्राास�, प्रार्णायाम, भ्रामराी
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           आयोज� निकया गुया । यहो थाीम इस बंाते को राखांनिकते करातेी होै निक  औरा ध्या� जसे योगुाभ्यास करााए गुए । सभाी उपनिस्थाते कम�चानितेयं �  े
                                                                          ै
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           होमाराा शाराीरिराक औरा मा�निसक स्वंास्थ्‍य पयावंरार्णीय स्वंास्थ्‍य से जुड़ेा  पूरा उत्साहो औरा अ�ुशास� क साथा योगु सत्री मं भाागु निलेया ।
           होुआ होै ।
                                                                                                     े
                                                                                                े
                                                                 श्रृी ए.पी.नितेवंाराी, महोाप्रबंंधक (कॉन्स) जी � अप� सम्‍बंोध� मं कहोा निक
                                                          े
           इस काय�म की शुरूआते प्रातेः 7.00 बंजे श्रृी निवं�य नितेवंाराी, �श�ले  यहो काय�म � कवंले एक आयोज� थाा, बंनिल्क यहो एक जागुरूकतेा
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           कोच जी � पनिवंत्री 'ओंम ध्वंनि�'  क उच्चारार्ण से की, निजससे वंातेावंरार्ण  अनिभाया� भाी बं�ा, निजस� योगु क गुहोरा प्रभाावंं को समझ� का अवंसरा
                                                                                                           े
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           शांनिते औरा सकाराात्मक उजा से भारा गुया । इसक प�ाते देीप प्रज्वंले�  निदेया । नि�नि�ते रूप से, योगु अबं कवंले एक शाराीरिराक नि�या � राहोकरा,
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           करा काय�म का शुभाारांभा निकया गुया । श्रृी निवं�य जी � बंतेाया निक योगु  वंनिश्वक स्तेरा परा स्वंास्थ्‍य औरा चेते�ा का माध्यम बं� चुका होै ।
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           कवंले शाराीरिराक व्यायाम �हों, बंनिल्क मा�निसक औरा आनित्मक शांनिते
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           का माध्यम भाी होै ।                                   इस अवंसरा परा एक निवंचारा मंथा� होुआ निजसमं क ु छे कम�चारिरायं �  े
                                                                                              े
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                                                                 अप� अ�ुभावं साझा निकए इस प्रकारा क निवंचारां का समावंेश निकया
           •  प्राणीायाम,  अ�ुलेोम-निवंलेोम,  औरा  भ्रामराी  जसी  श्वास-प्रश्वास  जातेा होै, जो योगु क शाराीरिराक मा�निसक औरा आध्यानिमम्‍क लेाभां
                                                                                े
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               निवंनिधयॉ मनिस्तेष्क को शांते करातेी हों ।        का  उजागुरा  कराते  हों  औरा  सभाी  प्रनितेभाानिगुयं  �  इसे  उपयोगुी  औरा
                                                                                                     े
                                                                 प्ररार्णादेायक अ�ुभावं बंतेाया ।
                                                                  े
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           •  ध्या� सं एकुाग्रेता, स्मरार्ण शनिक्त औरा आत्मनिवंश्वासं मं वंृनिद्ध
               होोतेी होै ।
            योगासं� कुरात हुए कुायालय कु कुमचंारिरायं कु कु ु छ स्�र्पोशाट्सं:
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